शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पर CBI की टीम ने एक बड़ी छापेमारी की है। जानकारी के अनुसार, CBI को ED के एक डिप्टी डायरेक्टर की तलाश थी, जो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कथित रूप से रिश्वत मांगने के आरोप में फंसा हुआ था।
हालांकि, CBI की टीम जब ED दफ्तर पहुंची, तो वह डिप्टी डायरेक्टर वहां नहीं मिला। इसके बाद, CBI टीम ने उसके शिमला स्थित आवास पर भी दबिश दी और यहां उसके भाई विकास दीप को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी को CBI अपनी टीम के साथ चंडीगढ़ लेकर गई, जहां उसे कोर्ट में पेश किया गया और रिमांड पर लिया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिश्वत की मांग
बताया जा रहा है कि ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे दो आरोपियों से करोड़ों रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब दोनों आरोपियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने CBI को सूचना दी, जिसके बाद सीबीआई ने कार्रवाई शुरू की। CBI टीम शिमला पहुंची और यहां छापेमारी की। हालांकि, डिप्टी डायरेक्टर को पकड़ने के प्रयास में सफलता नहीं मिली। बताया जा रहा है कि वह पहले ही फरार हो चुका था।
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एक गिरफ्तार
गिरफ्तार किया गया आरोपी विकास दीप दिल्ली में एक प्रमुख बैंक में उच्च पद पर तैनात है। CBI ने उसकी गिरफ्तारी के बाद शिमला स्थित ED कार्यालय से अहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जो इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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पहली बार पड़ी ऐसी रेड
हिमाचल प्रदेश में यह पहली बार है, जब किसी ED अधिकारी पर CBI की टीम ने रेड डाली है। इस घटना ने राज्य में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की ओर गंभीर संकेत दिए हैं और यह कार्रवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सीबीआई की इस छापेमारी को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।