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December 26, 2024

हिमाचल: 26 घंटे तड़पी गर्भवती, पेट पर चढ़ पैरा स्टाफ ने करवाई डिलीवरी; नहीं बचा मासूम

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मंडी। हिमाचल के मंडी जिला से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दंपति ने सिविल अस्पताल सुंदरनगर के स्टॉफ पर डिलीवरी में लापरवाही बरतने के संगीन आरोप लगाए हैं। डिलीवरी के पांच दिन बाद नवजात बच्चे की मौत होने के बाद दंपत्ति ने अस्पताल प्रशासन पर यह आरोप जड़े और जांच की मांग उठाई है।

अस्पताल पर लापरवाही के आरोप

दरअसल मंडी जिला के बल्ह उपमंडल की ग्राम पंचायत ढाबण के डडोह गांव के रहने वाले दंपत्ति धनी राम और उसकी पत्नी अर्चना ने सिविल हॉस्पिटल सुंदरनगर पर डिलिवरी में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। इस संदर्भ में दंपति ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प पर शिकायत दर्ज करवाने के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनी राम शांडिल को ईमेल के माध्यम से शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग उठाई है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : डिप्टी डायरेक्टर फरार-1 गिरफ्तार, ED दफ्तर पर CBI का छापा जारी

18 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती हुई थी गर्भवती

महिला अर्चना ने बताया कि उसे 18 दिसंबर को प्रसव के लिए सुंदरनगर के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। शिकायतकर्ता अर्चना ने बताया कि वह प्रसव रूम में 26 घंटों तक दर्द से कराहती रही, लेकिन वहां मौजूद स्टॉफ ने उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। मैंने सिजेरियन डिलीवरी करवाने को भी कहा, लेकिन मेरी एक नहीं सुनी गई। 18 दिसंबर को पूरी रात में दर्द से तड़पती रही। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पेंट करते चौथी मंजिल से गिरा पेंटर, नहीं बच सकी जान- पसरा मातम

पेट पर चढ़कर करवाई डिलीवरी

अर्चना के अनुसार पैरा मेडिकल स्टॉफ ने 19 दिसंबर को बिना किसी डॉक्टर की सलाह के ही मेरी नॉर्मल डिलीवरी करने का प्रयास किया। जब मेरा बच्चा बाहर नहीं निकल पाया तो पैरामेडिकल स्टाफ ने मेरे पेट पर चढ़ कर बच्चे को बाहर निकाला। बच्चा पैदा होते ही बिल्कुल नहीं रोया। ऐसे में बच्चे को मशीन में डालकर मेडिकल कॉलेज नेरचौक रेफर किया गया। जहां 23 दिसंबर को उपचार के दौरान नवजात की मौत हो गई। यह भी पढ़ें : हिमाचल: सुबह बड़ा भाई स्वर्ग सिधारा, शाम को छोटे ने भी त्याग दिए प्राण

क्या बोली पीड़ित

पीड़ित महिला ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि मेरी डिलीवरी में 26 घंटे देरी की गई। मेरे बच्चे के सब टेस्ट 9 महीनों में नॉर्मल थे तो ऐसा क्या हुआ कि बच्चा पैदा होते ही उसके शरीर के सारे ऑर्गन फेल हो गए। इसमें अस्पताल प्रशासन की गलती है। महिला ने बताया कि डॉक्टरों ने कहा था कि बच्चे आर्गेन फेल हो गए थे। पीड़िता का कहना था कि अगर ऐसा होता तो मेरा बच्चा पांच दिन कैसे जीवित रहता। यह भी पढ़ें : हिमाचल में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट, इन जिलों में बिखरेगी चांदी

क्या बोले पीड़ित महिला का पति

अर्चना के पति धनी राम ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प के 1100 नंबर पर शिकायत दर्ज करवाने के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनी राम शांडिल, नाचन के विधायक विनोद कुमार, सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल और सुंदरनगर अस्पताल प्रबंधन ईमेल के माध्यम से शिकायत भेज दी है। इन्होंने मांग उठाई है कि मामले की निष्पक्ष जांच करके दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए, क्योंकि यह सरासर लापरवाही का मामला है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : 40000 टूरिस्ट और 25000 गाड़ियां, न्यू ईयर से पहले पर्यटकों से चहके पहाड़

क्या बोले सीएमओ मंडी

इस बारे में सीएमओ मंडी डॉ नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि मैंने एसएमओ से मामले को लेकर बात की है पर वह छुट्टी पर हैं। मैंने इस मामले में दूसरे डॉक्टर से बात की है जिसमें पता लगा है कि परिवार के लोगों ने एसएमओ सुंदरनगर को शिकायत भेजी है। शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए बोल दिया गया है। अब फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का पता चल पाएगा।

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