मंडी। हिमाचल प्रदेश में आज भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। पंचायत स्तर के कार्यों में भी जमकर धांधली हो रही है और सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामला हिमाचल के मंडी जिला के सुंदरनगर से सामने आया है। यहां पंचायत के कार्यों में धांधली पाए जाने पर पंचायत प्रधान और वार्ड पंच पर निलबंन की गाज गिरी है।
सुंदरनगर की खिलड़ा पंचायत का मामला
मामला सुंदरनगर उपमंडल की खिलड़ा ग्राम पंचायत का है। खिलड़ा पंचायत के प्रधान शेर सिंह और वार्ड सदस्य मंजू देवी को एक एंबुलेंस रोड निर्माण सहित कुछ अन्य कार्यों में धांधली किए जाने के चलते पदों से तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। खिलड़ा पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्य के खिलाफ पंचायत के ही उपप्रधान लखन सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई थी।
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उपप्रधान की शिकायत पर हुई कार्रवाई
लखन सिंह ने पंचायत के कार्यों में प्रधान शेर सिंह और वार्ड सदस्य मंजू देवी पर वित्तीय अनियमिताओं के आरोप लगाए थे और शिकायत सौंपी थी। जब उपप्रधान की शिकायत पर जांच की गई तो आरोप सही पाए गए। जिस पर जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायत प्रधान शेर सिंह और वार्ड सदस्य मंजू देवी को तुरंत प्रभाव से उनके पदों से निलंबित कर दिया है।
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जिला पंचायत अधिकारी ने की कार्रवाई
जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 145 (1) (ग) तथा पंचायती राज (सामान्य) नियम, 1997 के नियम 142 (1) (क) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते यह कार्रवाई की।
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इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्य के पास अगर कोई पंचायत का अभिलेख, धनराशि, चल या अचल संपत्ति हो तो वे उसे तुरंत ही उसे ग्राम सचिव पंचायत खिलड़ा को सौंप दें।
क्या बोले बीडीओ सुंदरनगर
जिला पंचायत अधिकारी ने कहा है कि अगर पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्य हिमाचल प्रदेश पंचायती राज सामान्य नियम, 1997 के नियम 143 (घ) के अंतर्गत उक्त आदेशों के विरुद्ध अपीलीय अधिकारी (संबंधित डीसी) के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं।
मामले की पुष्टि करते हुए बीडीओ सुंदरनगर विवेक चौहान ने कहा कि मंडी के जिला पंचायत अधिकारी द्वारा कुछ अनियमिताओं के चलते पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्य को उनके पदों से निलंबित किया गया है।