मंडी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में घटित एक आत्महत्या के मामले पर न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। जिसमें यह साबित हुआ है कि, मृतक हरी सिंह की पत्नी अंजू ने अपने प्रेमी गुरप्रीत संग मिलकर अपने पति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था। धारा 306 के तहत आरोप सिद्ध होने के बाद अदालत ने दोषी पत्नी व उसके प्रेमी को कारावास व नगदी जुर्माने की सजा सुनाई है।
हरी सिंह ने लिख छोड़ा था सुसाइड नोट
हरी सिंह को आनन-फानन में जब अन्य परिजन रति अस्पताल ले जा रहे थे तो उसकी जेब में से एक कागज मिला। जिसमें हरी सिंह ने काली स्याही से लिखकर अपनी पत्नी अंजू व उसके प्रेमी गुरप्रीत को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए अपने हस्ताक्षर किए थे।
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दोष साबित होते अदालत ने सुनाई सजा
पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता से जांच करने के बाद केस तैयार कर अदालत भेजा गया था। जहां अभियोजन पक्ष की तरफ से 33 गवाहों द्वारा अपने बयान दर्ज करवाए गए थे।
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मामले की पैरवी कर रहे जिला न्यायवादी विनोद भरद्वाज ने बताया कि अदालत में मृतक की पत्नी व उसके प्रेमी द्वारा हरी सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोष सिद्ध होते ही उन्हें 3-3 साल की जेल व 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
साल 2015 में पेश आया था मामला
विदित हो, यह मामला साल 2015 में पेश आया था। जहां बल्ह पुलिस थाना में जय राम निवासी ढाबन ने पुलिस को शिकायत पत्र दिया था कि घटना के समय जब वह अपने घर पर मौजूद था तो उन्होंने घर के बाहर शोर सुना।
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जब उसने देखा कि उसका भाई हरी सिंह घर की गैलरी में लेटा हुआ था। वहां मौजूद जय राम के मामा ने जब उसे बताया कि हरी सिंह गैलरी में आत्महत्या कर ली है। मृतक हरी सिंह शिक्षा विभाग में ड्राइंग टीचर के रूप में कार्यरत था।