सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में एक पूर्व पंचायत प्रधान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। पूर्व पंचायत प्रधान पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने और पंचायत के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ व कटिंग करने का आरोप लगा है।
सरकारी पैसे का किया दुरुपयोग
जानकारी के अनुसार, पुलिस में शिकायत शिलाई के बश्वा गांव के प्रदीप सिंह ने दर्ज करवाई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि साल 2006 से 2011 तक साधुराम ग्राम पंचायत बेला का प्रधान रहा। उसने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया।
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पूर्व पंचायत प्रधान पर आरोप-
- सरकारी पैसे का दुरुपयोग
- अपने खाते में जमा करवाया पंचायत का पैसा
- 3,50,000 रुपए का नहीं कोई हिसाब
- RTGS का रिकॉर्ड करवाया गुम
- फर्जी रसीदें बनाकर की हेराफेरी
- टैंक जोहड़ नहीं बनवाए
- कागजों में फर्जी रिकॉर्ड
- पंचायत में हुआ काफी भ्रष्टाचार
अपने खाते में जमा करवाए पैसे
प्रदीप ने बताया कि साधुराम ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 3,50,000 रुपए पंचायत खाते से चेक द्वारा बैंक से खुद निकाले और उनको अपने खाते में जमा करवाया है। जबकि, प्रधान पंचायत खाते से अपने खाते में या चेक द्वारा अपने लिए रुपए नहीं निकाल सकता है।
पंचायत प्रधान ने किया बड़ा घोटाला
प्रदीप के मुताबित प्रधान द्वारा निकाली गई राशि का पंचायत में भी कोई हिसाब नहीं है। ये पैसा कहां-कहां खर्च हुआ कुछ पता नहीं है। प्रदीप ने इस राशि का घोटाला करने के आरोप लगाए हैं। प्रदीप का कहना है कि हेराफेरी का पता ना चल सके- इसलिए RTGS का रिकॉर्ड भी गुम करवाया गया है।
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फर्जी रसीदें बनाकर की हेराफेरी
इसके अलावा प्रदीप ने कहा कि PP मस्ट्रोल मनरेगा व जनरल कार्य, जो संबंधित प्रधान द्वारा इशू किए जाते हैं- उसमें भी ओवरराइटिंग, कटिंग और एक-एस मस्ट्रोल बिना तारीख का है। इतनी ही नहीं पूर्व प्रधान ने पंचायत की जो रसीदें दी हैं- वो बिना पते की हैं और ना ही उसमें पिता का नाम है। प्रदीप का आरोप है कि प्रधान से फर्जी रसीदें बनाकर भी सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है। साथ ही RTGS का रिकॉर्ड गुम होने के बावजूद पुलिस में कोई शिकायत नहीं दर्ज करवाई गई है।
प्रदीप ने पूर्व पंचायत प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उसने पंचायत में मौके पर कोई टैंक जोहड़ नहीं बनवाए हैं। जबकि, कागजों में इसे मेंशन किया गया है। प्रदीप ने कहा कि जब उन्हें इस पूरी हेराफेरी का पता चला, तो उन्होंने आरटीआई से रिकॉर्ड मांगा। रिकॉर्ड में पता चला कि पंचायत में काफी भ्रष्टाचार हुआ है।
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शिकायतकर्ता की मांग-
- पूर्व प्रधान साधुराम के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
- साधुराम के कार्यकाल के दौरान पंचायत में जो भी कार्य हुए हैं- उसकी पूरी जांच की जाए।
- रसीदों में जिन भी लोगों के हस्ताक्षर हुए हैं- उसकी भी जांच करवाई जाए।
मामले की पुष्टि करते हुए ASP अदिति सिंह ने बताया कि प्रदीप की शिकायत के आधार पर पूर्व प्रधान साधुराम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस टीम द्वारा मामले की गहनता से जांच की जा रही है।