शिमला। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर पशु बलि पर पूर्णत: प्रतिबंध है। बावजूद इसके कुछ लोग नियम कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। ताजा मामला प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है जहां एक कार्यक्रम के दौरान बीच सड़क पर कथित पशु बलि दी गई है। इस घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
सुरेंद्र पापटा ने दी शिकायत
जानकारी के अनुसार, जिला शिमला के तहत आते रोहड़ू के रोहड़ू बाजार में शिखड़ी पुल के पास एक सार्वजनिक स्थान पर बकरे की बलि देने का मामला पेश आया है।
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जिसकी शिकायत टिक्कर निवासी सुरेंद्र पापटा ने पुलिस थाना रोहड़ू में दर्ज कारवाई है। साथ ही सुरेंद्र पापटा ने दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने मामला किया दर्ज
मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी रोहड़ू रविंद्र ने कहा कि शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 223 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने रोहड़ू बाजार के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
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धार्मिक अनुष्ठान के लिए नहीं दी बलि
साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बकरे की बलि किसी धार्मिक अनुष्ठान के तहत नहीं दी गई है। पुलिस मामले के पीछे के मकसद की गहराई से जांच कर रही है और अन्य सभी संभावित पहलुओं पर भी विचार किया जा रहा है।
2014 से हाईकोर्ट ने लगाया है प्रतिबंध
विदित हो, हिमाचल प्रदेश में 2014 में हाईकोर्ट ने धार्मिक अनुष्ठानों में सार्वजनिक स्थानों पर पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था।
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इस फैसले के बाद देव समाज के कुछ लोगों ने परंपराओं का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि धार्मिक अनुष्ठानों के तहत चारदीवारी के भीतर बलि की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर यह प्रथा अब भी प्रतिबंधित है।