कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन ठगी के मामले आए दिन बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ताज़ा मामला प्रदेश के जिला कुल्लू से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने PM हेल्थ कार्ड के नाम पर लोगों को अपना निशाना बनाया है। इस बार ठगी का शिकार एक पंचायत प्रधान और बीमा एजेंट हुए हैं। जिनसे साढ़े चार लाख रूपीर से अधिक की ठगी हुई है।
पंचायत प्रधान के उड़ाए इतने रुपए
जानकारी के अनुसार, जिला कुल्लू के तहत आते उपमंडल आनी की ग्राम पंचायत पंचायत पोखरी के प्रधान भीमसैन को उनके एक जानकार ने वॉट्सऐप पर PM हेल्थ कार्ड से संबंधित एक APK (एंड्रॉइड पैकेजिंग किट) फाइल भेजी।
यह भी पढ़ें : राजीव भवन की दौड़ लगाने लगे कांग्रेस नेता, प्रतिभा सिंह के समक्ष रख रहे रिपोर्ट कार्ड
भीमसैन ने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया, उनके खाते से 3,30,900 रुपए तुरंत निकाल लिए गए।
बीमा एजेंट का भी उड़ाया सवा लाख
इस तरह से एक बीमा एजेंट महेंद्र सिंह को भी उसके जानकार से APK फाइल का लिंक मिला। लिंक पर क्लिक करते ही उनके खाते से एक बार 93,000 और दूसरी बार 28,000 रुपए निकाल लिए गए। दोनों पीड़ितों ने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस को दी। जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
पुलिस जांच में यह आया सामने
यह भी पढ़ें : हिमाचल : 1500 रुपए देने में देरी की यह बनी वजह, अब जनवरी में पूरी होगी प्रक्रिया
पुलिस जांच में पता चला है कि ठगों ने APK फाइल के जरिए मोबाइल फोन को हैक कर लिया। इस फाइल को डाउनलोड करने के बाद ठग मोबाइल की स्क्रीन का एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं। जब भी बैंक से संबंधित OTP या अन्य संवेदनशील जानकारी फोन पर आती है, वह स्क्रीन शेयरिंग के कारण ठगों तक पहुंच जाती है।
DSP आनी की सलाह
DSP आनी चंद्रशेखर ने मामले की पुष्टि करने के साथ लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान APK फाइल या लिंक को क्लिक न करें। इन फाइलों में वायरस या मैलवेयर होता है जो आपके मोबाइल का व्यक्तिगत डेटा, बैकिंग डिटेल्स, गैलरी और कॉन्टैक्ट्स तक ठगों को एक्सेस देता है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : अनजान को लिफ्ट देना पड़ा मंहगा, ईंट से वार कर सड़क किनारे फेंका चालक
हिमाचल पुलिस की एडवाइजरी
पुलिस ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को चेतावनी दी थी कि ठग PM हेल्थ कार्ड या शादी के डिजिटल कार्ड के नाम पर मैसेज भेजकर डेटा चोरी कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में भी थी 40 हजार साल पहले मानव जाति, 5 जिलों में मिले पत्थरों के औजार
ये लिंक हकीकत में मोबाइल से निजी जानकारी चुराने के लिए बनाए गए हैं। लोगों को ऐसे संदिग्ध मैसेज से सतर्क रहने और किसी भी अनजान फाइल को डाउनलोड न करने की सलाह दी गई है।
- किसी भी अनजान लिंक या फाइल को डाउनलोड न करें।
- बैंकिंग और निजी जानकारी को ऑनलाइन शेयर करने से बचें।
- किसी भी प्रकार के मैसेज पर बिना जांचे-परखे भरोसा न करें।
- साइबर ठगी होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।