#अपराध

November 16, 2024

हिमाचल : परिवार गया था बाहर, खुद को अकेला पा उठाया यह कदम

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में आए दिन अवसाद व मानसिक तनाव के चलते सुसाइड के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। इस कड़ी में ताज़ा मामला प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है। जहां सदर थाना के तहत आते कृष्णानगर में एक शख्स ने अपने घर के कमरे में खुद की जीवनलीला समाप्त कर दी। इस दुखद घटना के समय घर में कोई अन्य सदस्य मौजूद नहीं था।

कमरा बंद कर पंखे से झूला राजकुमार

यह भी पढ़ें : हिमाचल की बेटी आयुषी का कमाल- पास की मेडिकल ऑफिसर की परीक्षा प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना उस समय हुई जब परिवार के लोग किसी काम से बाहर गए हुए थे। मृतक की पहचान राजकुमार पुत्र प्रेम चंद उम्र 54 साल के रूप में की गई है। रजकुमार के परिजन किसी काम के सिलसिले में घर से बाहर गए हुए थे और वह घर में अकेला था। इस दौरान उसने अपने घर के कमरे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।

घर में नहीं था कोई भी मौजूद

घर के अन्य सदस्य जब घर वापस आए तो कमरे में फंदे से झूल रहे राजकुमार को देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना सदर पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पूर्व CPS की कोठियों और फॉच्यूर्नर पर नजरें, कई नेता रेस में

पुलिस ने परिजनों के बयान किए कलमबद्ध

मामले की पुष्टि करते हुए सदर थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद मृतक के परिजनों के बयान कलमबद्ध कर लिए हैं। शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया। अबतक घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

लोगों से की पुलिस ने अपील

इस दुखद घटना से स्थानीय क्षेत्र में शोक का माहौल है। परिजन और पड़ोसी मृतक के इस कदम से सदमे में हैं। वहीं, पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी के पास घटना से संबंधित कोई जानकारी हो तो वे आगे आकर साझा करें। यह भी पढ़ें : हिमाचल में नया फ्रॉड- WhatsApp पर आया शादी का कार्ड खाली कर रहा बैंक खाता

सामुदायिक जागरूकता जरूरी

इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के साथ संवाद बनाए रखने की जरूरत को एक बार फिर उजागर किया है। पुलिस और सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक जागरूकता और मदद की पहल जरूरी है।

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