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October 20, 2024

हिमाचल: कुर्सी मिलते ही पंचायत प्रधान भरने लगा अपनी जेब, गिरी गाज; जानें

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। कुर्सी मिलते ही कुछ लोग सबसे पहले अपनी जेब कैसे भरी जाए, यही सोचते हैं। ऐसा ही एक भ्रष्टाचार पंचायत स्तर पर हुआ है। जिसमें पंचायत प्रधान ने कुर्सी मिलने के बाद मनरेगा से लेकर अन्य कार्यों में जमकर धांधली की। जिसका खामियाजा अब उसे निलंबित होकर चुकाना पड़ा है।

किस पंचायत का प्रधान हुआ सस्पेंड

दरअसल मामला राजधानी शिमला के विकासखंड रोहड़ू की पंचायत करासा से सामने आया है। करासा पंचायत के प्रधान देव राज को डीसी शिमला ने तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। पंचायत प्रधान पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और 15वें वित्त आयोग के तहत किए जाने वाले विकास कार्यों में अनियमिताएं बरतने के आरोप हैं। यह भी पढ़ें :  करवाचौथ की तैयारियों में जुटे थे पति-पत्नी, कार ने मार दी टक्कर, देखें वीडियो

प्रधान पर क्या क्या लगे थे आरोप

  • पंचायत प्रधान पर विकास कार्यों के फर्जी बिल बनाने के आरोप
  • प्रधान ने सामान की खरीददारी में अनियमिताएं बरती
  • कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने के आरोप
  • अधूरे कार्यों
  • मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने
  • एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने
  • बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने
  • तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने आदि की अनियमिताएं जांच में सामने आई है।

2020 से 2024 के विकास कार्यों में पाई गई धांधली

पंचायत प्रधान पर धांधली के आरोप लगाते हुए गांव के ही एक व्यक्ति ने खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास लिखित में शिकायत की थी। जब इस मामले की जांच की गई तो विकास कार्यों में कुछ धांधली सामने आई। जिस पर मामले की गंभीरतर से जांच की गई। 6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट बनाई गई। इस रिपोर्ट में साल 2020 से 2024 तक किए गए विकासात्मक कार्यों में धांधली का खुलासा हुआ। यह भी पढ़ें : हिमाचल : गरीबी ने खींचे पांव, सीमा ने नहीं मानी हार- चीन में देश के लिए दौड़ी, जीती गोल्ड

पहली जुलाई का जारी हुआ था नोटिस

मामले में पहली जुलाई 2024 को ग्राम पंचायत करासा के प्रधान देव राज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। प्रधान ने 4 जुलाई को लिखित में अपना जवाब दायर किया, लेकिन प्रधान द्वारा दायर जवाबों का जब अवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया, तो जांच में पाया गया कि प्रधान की ओर से अपने बचाव में पेश किए तथ्य ठोस नहीं पाए गए। यह भी पढ़ें : हिमाचल: मंदिर से लौट रही महिला के साथ गांव का व्यक्ति करने लगा नीचता

डीसी ने निलंबित किया पंचायत प्रधान

इन सारे आरोपों की जांच पूरी होने के बाद अब डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायत प्रधान को निलंबित करने के आदेश जारी किए। डीसी ने यह कार्रवाई हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत की। डीसी शिमला ने पंचायत से जुड़ा सारा रिकॉर्ड, स्टोर, स्टॉक, स्टांप आदि जो प्रधान के पास मौजूद है उसे पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए है।

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