कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में फेरी लगाने वाले कश्मीरियों से बदसलूकी करने वाली महिला की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मामले में जहां कांगड़ा जिला के पुलिस थाना लंबागांव में महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं अब डीसी कांगड़ा की तरफ से भी महिला को नोटिस जारी कर दिया गया है।
महिला को जारी हुआ नोटिस
डीसी कांगड़ा ने लंबागांव वार्ड से पंचायत समिति सदस्य महिला के इस आचरण पर कड़ा संज्ञान लेते हुए महिला को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। महिला को सात दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद महिला पर निलबंन की गाज गिरना तय माना जा रह है। दरअसल यह महिला सुषमा देवी पंजायत समिति सदस्य है। महिला पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप लगे हैं।
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कश्मीरियों से की थी बदसलूकी
दरअसल तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हुआ था। जिसमें दो फेरी लगाने वाले कशमीरी और दो महिलाएं नजर आ रही हैं। इनमें एक महिला कश्मीरियों का बहिष्कार करने की बात कहती है और कश्मीरियों से हिमाचल में मुसलमानों को नहीं आने की बात कहती सुनाई दे रही है।
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यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इस वीडियों में महिला न केवल मुसलमानों के बहिष्कार बल्कि उन्हें जय श्री राम बोलने को भी कहती है। महिला कहती है कि इनका सामान कोई न खरीदे। जो सामान खरीदना हैए वो हिंदू दुकानदारों से खरीदे। ये क्या हमें मुफ्त में देंगे। अगर मुफ्त भी देंगे तो भी नहीं लेंगे।
माफी मांगने के बाद भी पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
वीडियो के वायरल होने के बाद एसपी कांगड़ा शालीनी अग्निहोत्री के निर्देश पर पुलिस ने दोनों पक्षों की पहचान कर ली और महिला के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में पुलिस थाना लंबागांव में मामला दर्ज कर लिया है। एसपी कांगड़ा ने बताया कि महिला ने माफी मांग ली है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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डीसी ने सात दिन में मांगा जवाब
वहीं इस मामले पर डीसी कांगड़ा ने भी कड़ा संज्ञान लिया है और अब महिला को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है। नोटिस जारी होने के बाद अब पंचायत समिति सदस्य इस महिला सुषमा देवी की कुर्सी जाने का भी खतरा मंडराने लगा है। वहीं इस बारे में जिला पंचायत अधिकारी धर्मशाला नीलम कटोच ने कहा कि देश का संविधान और हिमाचल का पंचायतीराज एक्ट किसी भी लोक सेवक को इस तरह जन भावनाएं भड़काने की इजाजत नहीं देता।
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किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
देश में जब भी कोई शख्स लोक सेवक के रूप में चुना जाता है तो उसे उस पद की गरिमा बनाई रखनी होती है। ईमानदारी व निष्पक्षता से काम करने और हर हाल में देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई जाती है। लेकिन सुषमा देवी ने इसके विपरित धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया है।
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जिस पर पुलिस ने महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 196 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है और आगामी कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 196 में तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
क्या है प्रावधान
नीलम कटोच ने बताया कि एसडीएम से जांच रिपोर्ट औरएफआईआर की कॉपी मिलने के बाद सुषमा को नोटिस दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि हमारा एक्ट किसी को भी किसी के धर्म की भावना को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं देता। खासकर लोक सेवक तो बिल्कुल भी ऐसा आचरण नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज एक्ट में ऐसे आचरण पर सस्पेंड करने का प्रावधान है।