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October 9, 2024

हिमाचल की फैक्टरी में बनी नशे की दवाइयां- पंजाब में सप्लाई, HC ने दिए जांच के आदेश

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सोलन। हिमाचल के बद्दी में 20 करोड़ नशे की गोलियां तैयार करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पिछले 7 महीने में 20 करोड़ नशे की गोलियां तैयार करने, इन्हें पंचकूला के गोदाम में स्टोर किया जाता रहा है। इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई को प्राथमिक जांच का आदेश दिया है।

पूरा मामला समझें

बताया जा रहा है कि इन दवाओं को पंचकूला के गोदाम में स्टोर करने के बाद पंजाब तक इसे पहुंचाया जाता है। इस बेहद गंभीर मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि सीबीआई को जांच के लिए मांगी गई है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में आज पेंशनर्स के मोबाइल में आ सकता है सुख का संदेश

वीरेंद्र महाजन का दावा

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मोहाली के DSP वीरेंद्र महाजन ने दावा किया है कि वह पंजाब में नशे के मामलों की सबसे अधिक मात्रा पकड़ने वाले पुलिस अधिकारी हैं। उनका आरोप है कि बद्दी में स्थित 2 कंपनियों ने 20 करोड़ की गोलियां बनाई। फिर इनकी स्पलाई फर्जी कागजातों के आधार पर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में की गई थी। यह भी पढ़ें : हिमाचल के इन पुलिस जवानों को मिलेगा बड़ा सम्मान, यहां देखें पूरी लिस्ट

नशे की सप्लाई का नेटवर्क

DSP महाजन ने याचिका में बताया कि यह सप्लाई वास्तव में केवल कागजों में थी। उनका खुलासा है कि यह दवाई कहीं नहीं गई बल्कि पंचकूला के एक गोदाम में भेजी गई थीं। इसके बाद, इन गोलियों को पंजाब में सप्लाई किया गया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल के ड्रग कंट्रोलर को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद संबंधित कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है।

राजनीतिक संलिप्तता का आरोप

बता दें कि याचिका में एक व्यक्ति का नाम लिया गया है, जो सत्ता पक्ष के राजनीतिक मंचों पर सक्रिय दिखाई देता है। जब DSP महाजन ने उस व्यक्ति का नाम लिया, तो उनकी बदली कहीं और कर दी गई।  तो उनका तबादला कर दिया गया और उन्हें मोहाली में रिश्वत के झूठे मामले में फंसाने का प्रयास किया गया। इस महत्वपूर्ण ड्रग केस की जांच किसी अन्य अधिकारी को सौंप दी गई है, जिससे संदेह बढ़ गया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : बाइक और कार में हुई जोरदार टक्कर, एक स्वर्ग सिधारा

हाईकोर्ट का निर्णय

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद उनकी जांच पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह विषय कई राज्यों से जुड़ा हुआ है और पंजाब पहले से ही नशे के सेवन के लिए बदनाम है। इसलिए, अधिकारियों की संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने इस मामले की प्रारंभिक जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया है, जिससे मामले की गहराई से जांच की जा सके। यह निर्णय न केवल नशे के मामलों की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है।

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