ऊना। हिमाचल प्रदेश में आए दिन बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं। ज्यादातर मामलों में बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी हरकत करने वाले आरोपी उसके रिश्तेदार ही होते हैं। दुष्कर्म जैसे मामलों में पीड़िताओं को इंसाफ पाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है। मगर कुछ मामलों में पीड़िताओं को जल्द ही इंसाफ मिल जाता है।
रेपिस्ट को मिली सजा
ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला से सामने आया है। यहां स्पेशल जज जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऊना नरेश कुमार की अदालत ने दो साल की सुनवाई के बाद ही नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुना दी है।
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घर से गायब हो गई थी बच्ची
यह मामला 29 मई, 2022 का है। जब पीड़िता घर से कहीं गायब हो गई थी। उसे रिश्तेदारों और अन्य स्थानों पर ढूंढा। मगर उसका उसके कुछ पता नहीं चल सका। फिर 30 मई, 2022 को पीड़िता की मां ने पुलिस थाने में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
मां ने शक किया जाहिर
पीड़िता की मां ने एक शख्स पर उसकी बेटी को बहला-फुसला कर साथ ले जाने का शक जाहिर किया था। वहीं, मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस टीम ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। जांच के दौरान पुलिस टीम को पता चला कि बच्ची पंजाब में है। पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करके पीड़िता की तलाश शुरू कर दी।
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बच्ची का किया बलात्कार
इसके बाद पुलिस टीम ने पीड़िता को पंजाब के फगवाड़ा से बरामद कर उसका बयान कलमबद्ध किया। पीड़िता ने पुलिस को अपने साथ दोषी की ओर से दुष्कर्म करने की बात बताई। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करवाया और आरोपी पंजाब के लुधियाना के रहने वाले नरिंद्र कुमार उर्फ रिक्की को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।
मिली ऐसी कठोर सजा
जहां दो साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 16 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने नरिंद्र को बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया। अब कोर्ट ने दोषी नरिंद्र को पोक्सो एक्ट सेक्शन-6 के तहत 20 साल, BNS की धारा 363 में तीन वर्ष और धारा 366 में 6 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी को 53 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की भी सजा सुनाई है।
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वहीं, जुर्माना ना देने पर सजा की वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है। दोषी को जुर्माना ना अदा करने की सूरत में तीन साल 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतान पड़ेगा।