शिमला। हिमाचल प्रदेश में आर्थिक तंगी से जूझ रही सुक्खू सरकार ने सरकारी खजाने को दुरुस्त करने के लिए अब एक और नया कदम उठाया है। पटरी से उतर चुकी प्रदेश की आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए अब सरकार ने HPTDC के होटलों में रक्षा कर्मियों व पत्रकारों को मिलने वाली छूट को वापस लेने का फैसला ले लिया है।
अलग-अलग सीजन में मिलती थी विशेष छूट
जानकारी के अनुसार, नए आदेशों के मुताबिक़ अब सरकारी होटलों में ठहरने पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों, प्रदेश के मूल निवासी भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाला 30 से 50 फीसदी तक का डिस्काउंट अब नहीं मिलेगा।
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बता दें कि, इस वर्ष मार्च महीने में पर्यटन विकास निगम के चेयरमेन व कांग्रेस विधायक आरएस बाली ने HPTDC के होटलों में मान्यता प्राप्त पत्रकारों और रक्षा कर्मियों के लिए छूट का एलान किया था।
ठहरने के साथ खाने पर भी मिलता था डिस्काउंट
इस घोषणा के मुताबिक़ मार्च से जून तक टूरिस्ट सीजन के चलते कमरों पर 30 फीसदी और ऑफ सीजन में कमरों के किराए पर 50 फीसदी डिस्काउंट दिया गया था।
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जो कि, 25 मार्च 2024 को अधिसूचना जारी होने के बाद पत्रकारों और रक्षा कर्मियों को ऑफ सीजन में टूरिज्म के होटलों में ठहरने पर 30 से 50 % तक डिस्काउंट का लाभ मिल मिल रहा था। इसके अलावा पत्रकारों व सैनिकों को खाने पर अतिरिक्त से 30 फीसदी का भी डिस्काउंट था।
जारी रहेगी यह सुविधा
मगर अब सरकार ने इस अधिसूचना को वापस ले लिया है। नई अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि पत्रकारों को भोजन पर पहले से मिल रही 25-30 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी, लेकिन ठहरने पर मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया है।
आर्थिक बदहाली का असर
उधर, HPTDC के MD राजीव कुमार द्वारा मार्च महीने में जारी की अधिसूचना के अनुसार भारतीय सुरक्षा कर्मियों और पत्रकारों को यह सुविधा 1 वर्ष तक मिलनी थी।
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मगर सूबे में आर्थिक बदहाली का आलम यह है कि, इसे समय से पहले ही बंद करना पड़ा। प्रदेश की आर्थिक बदहाली का असर इन होटलों के कर्मचारियों पर भी हुआ है। कर्मचारियों को सैलरी भी हर महीने देरी से ही मिल पा रही है।
55 में से 35 होटल चल रहे हैं घाटे में
आपको बता दें कि, HPTDC कुल 55 होटलों का संचालन कर रहा है। मगर इनमें से 35 होटल ऐसे हैं जो इस वक्त घाटे में चल रहे हैं। जबकि 20 होटल ही कमाई कर रहे हैं। होटलों की इस दुर्दशा के लिए इन होटलों का सही ढंग से प्रचार न करना व स्टाफ की कमी को माना जा रहा है। जिस वजह से होटलों में ठहरने वालों की संख्या में कमी आ रही है।