शिमला। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के चलते हिमाचल के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमारा गई हैं। हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों सहित अन्य अस्पतालों के डॉक्टर पिछले 4 दिन से हड़ताल पर हैं। जिसके चलते अस्पतालों में ओपीडी नहीं हो रही है। अस्पतालों में डॉक्टरों के ना मिलने से मरीज परेशान हो रहे हैं और बिना इलाज करवाए ही उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है।
क्यों सता रही डॉक्टरों को चिता
ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद देश भर के डॉक्टरों को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है। हिमाचल के डॉक्टर भी रेप पीड़िता को न्याय दिलाने और डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर हड़ताल पर हैं। हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में मंगलवार को भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही। वहीं आज शिमला में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने आईजीएमसी से सचिवालय तक पैदल मार्च किया और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की।
सीएम सुक्खू के समक्ष क्या रखी मांगें
सचिवालय में सीएम सुक्खू से मिलने पहुंचे रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने करीब आधे घंटे तक सीएम सुक्खू से डॉक्टरों की सुरक्षा व अन्य मांगों को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई है। इस चर्चा के बाद सीएम सुक्खू ने डॉक्टरों को उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है।
क्या हिमाचल में खत्म होगी डॉक्टरों की हड़ताल
एचएमओए अध्यक्ष डॉ बलवीर वर्मा ने बताया कि सीएम सुक्खू से मुलाकात कर उनके समक्ष अपनी मांगें रखी गई हैं। सीएम सुक्खू ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने हड़ताल वापस लेने पर कहा कि सीएम से मुलाकात के बाद डॉक्टर का जनरल हाउस बुलाया है। उसी में फैसला लिया जाएगा कि हड़ताल खत्म की जाएगी या उसे आगे भी जारी रखा जाएगा।
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डेढ़ घंटे इंतजार के बाद मिलने आए सीएम सुक्खू
इससे पहले सीएम सुक्खू से मिलने सचिवालय पहुंचे हजारों डॉक्टरों के सब्र का बांध उस समय टूटने लगा, जब करीब डेढ़ घंटा इंतजार करने के बाद भी सीएम सुक्खू उनसे मिलने नहीं आए। सीएम सुक्खू ने डॉक्टरों को सुबह 11 बजे मिलने बुलाया था, लेकिन डेढ़ घंटा इंतजार करने के बाद भी जब सीएम नहीं आए तो डॉक्टरों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
गुस्साए डॉक्टरों ने नेताओं पर क्या की टिप्पणी
गुस्साए डॉक्टर जब वापस जाने लगे तो इसकी सूचना अधिकारियों ने सीएम सुक्खू को दी। जिसके बाद सीएम सुक्खू डॉक्टरों से मिलने सचिवालय पहुंचे और उनसे करीब एक घंटा बैठक कर चर्चा की। सीएम के देरी से आने पर डॉक्टरों ने कहा था कि जब नेता बीमार होते हैं तो उन्हें अस्पताल में तुरंत इलाज चाहिए, और जब डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर बात करने आते हैं तो उन्हें डेढ़ घंटा इंतजार करवाया जाता है।
सात दिन से हड़ताल कर रहे डॉक्टर
बता दें कि हिमाचल में भी पिछले सात दिन से डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टर हर दिन अस्पतालों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के अलग अलग जिला में यह डॉक्टर अलग अलग अंदाज में अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। कहीं नारेबाजी की जा रही है तो कहीं नाटक के माध्यम से डॉक्टर अपना दर्द जनता को दिखा रहे हैं। कई स्थानों पर मौन प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
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मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ रहा वापस
हिमाचल के मेडिकल कॉलेजों सहित अन्य अस्पतालों में डॉक्टर ना मिलने से मरीज काफी परेशान हो रहे हैं। हर रोज मरीज इलाज करवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन घंटों इतजार के बाद भी उन्हें डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। जिसके चलते उन्हंे बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं कुछ निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हो रहे हैं।
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क्यों भड़के हैं डॉक्टर
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में देशभर के डॉक्टर भड़के हुए है। डॉक्टर का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को एक सप्ताह होने को है, तो वहीं बीते 4 दिनों से सीनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं।
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कब मिली थी महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की लाश
बता दें कि बीते 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्टए आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच ब्ठप् सौंपीं।डॉक्टरों का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई। इससे डॉक्टर सीबीआई जांच के आदेशों के बाद भी काम पर लौटने को तैयार नहीं है।