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June 25, 2024

व्यवस्था परिवर्तन पर तमाचा: मंत्री के जिले में मोबाइल का टॉर्च जलाकर हो रहा इलाज

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सिरमौर। मान लीजिए आप किसी अस्पताल में इलाज करवाने जाते हैं और वहां लाइट बंद हो जाती है। जिसके चलते डॉक्टरों को मोबाइल टॉर्च के सहारे आपका इलाज करना पड़ता है। ऐसे में आपको कैसा लगेगा। ऐसा ही कुछ पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में हुआ है। यहां बिजली गुल होने के कारण डॉक्टरों को मोबाइल लाइट के सहारे मरीज को टांके लगाने पड़े।

परेशान हो रहे मरीज

इस दौरान मरीज व उनके परिजन जहां दाखिल मरीज की सेहत को लेकर चिंतित रहे। वहीं, असामाजिक तत्वों की तरफ से किसी तरह की शरारत व चोरी की वारदात होने का डर भी उन्हें सताता रहा। यह भी पढ़ें: विक्रमादित्य सिंह के विभाग के हाल, पांच दिन में ही उखड़ गई नई नवेली सड़क

इलाज करवाने आते हैं सैकड़ों लोग

बता दें कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और विधानसभा उपाध्यक्ष के गृह जिला सिरमौर के तहत आता है। यहां चार विधानसभा क्षेत्र पांवटा साहिब, नाहन, रेणुका जी और शिलाई के लोग इलाज करवाने आते हैं। मगर यहां हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।

मोबाइल टॉर्च के सहारे लगाए टांके

बताया जा रहा है कि अस्पताल एक मरीज को डॉक्टर टांके लगा रहे थे। इसी बीच अचानक लाइट चली गई और करीब एक घंटे के बाद आई। अस्पातल में एक जनरेटर तो लगा है, लेकिन वह काफी समय से खराब पड़ा है। जरनेटर खराब होने के कारण अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने मोबाइल टॉर्च के सहारे की मरीज का इलाज शुरू कर दिया। अस्पताल में सुविधाओं की कमी होने के कारण लोगों में विभाग के प्रति खासा रोष है। यह भी पढ़ें: व्यवस्था परिवर्तन: मार्च के बाद से नहीं मिली 21 हजार कर्मचारियों को सैलरी

बद से बदतर हैं हालात

गनीमत रही कि बिजली गुल होने के दौरान किसी तरह का बड़ा हादसा व इमरजेंसी नहीं आई। सवाल ये उठता है कि अगर इमरजेंसी में कोई गंभीर पेशेंट आता है और लाइट कट जाती है तो उसका क्या होगा। लोगों का कहना है कि सिविल अस्पताल पांवटा साहिब की सुविधाओं की हालात बद से बदतर है। यहां चिकित्सकों की कमी के साथ-साथ मरीजों के लिए ठीक से व्यवस्था भी नहीं है। अस्पताल में लाइट ना होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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