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September 3, 2024

हिमाचल के अस्पताल हुए बीमार: 50% वेंटिलेटर बेकार, प्राइवेट में इलाज कराना मजबूरी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं देने के वादे हकीकत में कितने सही हैं, इसका खुलासा आज विधानसभा के मानसून सत्र में हुआ। सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया गया कि हिमाचल के अस्पतालों में लोागों की लाइफ लाइन माने जाने वाले वेंटिलेटर आधे से ज्यादा खराब पड़े हैं या धूल फांक रहे हैं।

सत्ती के सवाल पर चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने

आज सदन में भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने हिमाचल के अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या और उनके उपयोग को लेकर सवाल पूछा था। इसके अलावा उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट्स के बारे में भी जानकारी मांगी थी। जिसका जवाब सुक्खू सरकार के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने इसको लेकर जानकारी दी। यह भी पढ़ें: BJP ने मजाकिया अंदाज में किया CM की पत्नी का स्वागत, सदन में गूंजे हंसी के ठहाके

914 वेंटीलेंटर में 498 बेकार, 128 खराब

स्वास्थ्य मंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया कि हिमाचल के अस्पतालों में कुल 914 वेंटिलेटर हैं। उनमें से 416 का ही प्रयोग नहीं हो रहा है। वहीं 498 वेंटिलेटर बेकार पड़े हैं और इनमें से 128 खराब हैं। सीएम सुक्खू के गृह जिला में भी इन वेंटिलेटर की हालत ठीक नहीं है।

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सीएम के गृह जिला के भी बुरे हैं हाल

सीएम के गृह जिला में स्थित मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में 69 वेंटिलेटर हैं। जिनमें से 18 ही काम कर रहे हैं। इनमें 51 वेंटीलेंटर बिना उपयोग के पड़े हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि तकनीकी स्टाफ की कमी के चलते ही इन वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो पा रहा है। हालांकि रीजनल अस्पताल बिलासपुर में 24 वेंटिलेटर हैं, जो सभी क्रियाशील हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल: घर से काम पर गया था पवन, करंट के झटके ने छीन ली जिंदगी

इन अस्पतालों में भी धूल फांक रहे वेंटीलेंटर्स

  • प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में 119 में से 60 वेंटीलेंटर प्रयोग में लाए जा रहे हैं।
  • डीडीयू अस्पताल शिमला में 25 में से केवल 4 वेंटीलेंटर ही काम कर रहे हैं।
  • किन्नौर के रीजनल अस्पताल रिकांगपिओ में 27 में से 22 वेंटीलेंटर बिना उपयोग के हैं।
  • रीजनल अस्पताल कुल्लू में मौजूद सभी 21 वेंटीलेंटर तकनीकी स्टाफ ना होने के चलते उपयोग में नहीं लाए जा रहे हैं।
  • बिलासपुर जिला के सिविल अस्पताल मारकंड, सीएचसी पंजगाह, सीएचसी स्वारघाट, सिविल अस्पताल बरठीं में कोई भी वेंटिलेटर कार्यशील नहीं है।
  • सिविल अस्पताल बड़सर में दो वेंटीलेंटर हैं और दोनों ही काम कर रहे हैं
  • नेरचौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 101 वेंटीलेटर्स में से 41 का ही इस्तेमाल हो रहा है। अन्य 60 बिना उपयोग के हैं।
  • जोनल अस्पताल मंडी में 26 में से 20 उपयोग में हैं।
  • नाहन के मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हाल सबसे बुरा है। यहां पर 35 में से केवल एक ही वेंटिलेटर प्रयोग में लाया जा रहा है।

प्रदेश में कितने ऑक्सीजन प्लांट खराब

इसी तरह से प्रदेश में कितने ऑक्सीजन प्लांट खराब होने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हिमाचल के अस्पतालों सहित कुल 56 में से 32 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील हैं। इसके अलावा एक मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट भी है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इन पीएसए प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन एडमिट पेशेंट की ऑक्सीजन की जरूरत के आधार पर होता है। यह भी पढ़ें: हिमाचल में आया आर्थिक संकट जयराम सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा

कितने ऑक्सीजन प्लांट पड़े हैं बंद

  • स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश भर में कुल 24पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं।
  • एक मेडिकल ऑक्सीजन गैस प्लांट भी बंद पड़ा है।
  • इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील है।
  • यहां 150 सीयूएम/पर आवर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।

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