कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में डेढ़ महीने पहले बादल फटने से हुई तबाही ने लोगों को गहरे ज़ख्म दिए हैं। बीते 31 जुलाई की रात हुई तबाही ने लोगों से उनके आशियाने, खेत खलिहान और अपनो को छीना था। यहां तक की कुल्लू का मलाणा डेम भी क्षतिग्रस्त हो गया था।
इस तबाही के निशान अब भी लोगों के सामने हैं। लोगों ने प्रशासन से कुल्लू के जख्मों को न भरने पर रोष ज़ाहिर किया है और तीन गांव के ग्रामीणों ने जरी-मलाणा सड़क पर प्रदर्शन किया है।
ग्रामीण प्रदर्शन को मजबूर
कुल्लू में हुई तबाही में मलाणा पंचायत के अलावा चौहकी, बलादी गांव भी बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। मलाणा डैम के क्षतिग्रस्त हो जाने और नदी नालों में बाढ़ जैसे स्थिति बन जाने से लोगों की ज़मीन और घरों को काफी नुकसान हुआ था।
यह भी पढ़ें: बिजली महादेव रोपवे को मिली मंजूरी, ग्रामीणों का विरोध जारी
इस नुकसान की भरपाई का ग्रामीण अब तक इंतज़ार कर रहे ग्रामीणों ने रोष ज़ाहिर करते हुए प्रशासन पर आरोप लगाया है की डेढ़ महीने में सरकार को एक बार भी कुल्लू की याद नहीं आई।
रहने के लिए घर नहीं
अब तक प्रशासन द्वारा गांव में हुए नुकसान का आकलन नहीं किया गया है। आपदा से प्रभावित हुए परिवारों के पास अब खुले आसमान में बिना छत रहने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है। प्रशासन की इसी नज़र अनदेखी के कारण ग्रामीण प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : 7 साल की सरगुन ने बनाया रिकॉर्ड, 1 मिनट में 150 राजधानियों के बताए नाम
अधिकारियों से ग्रामीणों की बहस
वहीं, ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार से ग्रामीणों की बहस भी हुई है। ग्रामीणों ने कहा की प्रदर्शन की चेतावनी के बाद भी कोई उनसे मिलने नहीं पहुंचा।
यह भी पढ़ें: तलाकशुदा महिला को दिखाए शादी के सपने, कई बार बनाए संबंध, फिर मुकरा
जरी तहसील के नायब तहसीलदार हेमराज शर्मा ने सरकार द्वारा जल्द ग्रामीणों को मदद दिए जाने की बात कही है। उनका कहना है की प्रशासन ने प्रभावितों की जानकारी जुटा कर पहले भी उनकी मदद की है।