शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला स्थित ठियोग कस्बे में जल शक्ति विभाग पर करोड़ों रुपये के पानी सप्लाई घोटाले का आरोप लगा है। ठियोग के पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने आरोप लगाया कि इस साल गर्मी के दौरान विभाग ने 1.13 करोड़ रुपये का पानी लोगों को पिलाने का दावा किया है।
लेकिन असल में पानी को विभिन्न वाहनों के माध्यम से कागजों में ही दिखाया गया। सिंघा ने इस घोटाले की जांच की मांग की है और कहा कि विभाग ने पानी की सप्लाई के लिए गाड़ियों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है।
राहगीरों से लेकर गाड़ियों में पानी की सप्लाई का आरोप
MLA राकेश सिंघा ने RTI से प्राप्त जानकारी के हवाले से बताया कि ठियोग के जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान कई वाहनों से पानी की सप्लाई की, जिसमें बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियां शामिल हैं।
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सिंघा के अनुसार, एक दिन में इन वाहनों को 500 से 1000 किलोमीटर तक दौड़ाया गया जो पहाड़ी इलाके में असंभव था। उनका कहना है कि विभाग ने टैंकर से पानी की सप्लाई करनी थी, लेकिन यह गाड़ियाँ सिर्फ कागजों में पानी ढोने के लिए दिखाई गईं।
अचानक बढ़ा खर्च, हर साल के मुकाबले अधिक बिल
MLA राकेश सिंघा ने यह भी बताया कि ठियोग में पानी की सप्लाई पर हर साल 10-12 लाख रुपये का खर्च आता था, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक 1.13 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस खर्च का कोई सटीक हिसाब नहीं है और कई वाहन नंबर भी पेश किए गए हैं जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। इसके अलावा, कुछ ऐसे इलाके भी हैं जहां सड़कें नहीं हैं, लेकिन वहां भी पानी की सप्लाई का दावा किया गया है।
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एक महीने में पेमेंट का भुगतान
वहीं, MLA सिंघा ने कहा कि ठेकेदार पहले से ही पेमेंट के लिए परेशान थे, लेकिन विभाग ने पानी की सप्लाई के बिल का भुगतान महज एक महीने के भीतर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने बिना जांच के बिल का भुगतान कर दिया और इस घोटाले ने ठियोग की जनता को राहत नहीं दी। सिंघा ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।
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SDM ने मामले की जांच के आदेश दिए
ठियोग के SDM मुकेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने एक्सियन को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि ठियोग के एक्सियन इस घोटाले में शामिल नहीं हैं और जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
क्या बोलीं जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता
जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता (ईएनसी) अंजू शर्मा ने इस मामले पर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अगर मामला सही पाया जाता है, तो इसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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कुल मिलाकर, यह मामला फिलहाल जांच के दायरे में है और जनता यह जानने के लिए बेताब है कि क्या वाकई विभाग ने घोटाला किया है या यह किसी और कारणवश हुआ है। इस घोटाले से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है ताकि सच्चाई का खुलासा हो सके।