कैसा व्यवस्था परिवर्तन ? राशन ढोने वाली ट्राली में ले जाई गई गर्भवती, आपदा ने खोली पोल

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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन कर उसे मजबूत स्थिति में लाने की बातें करती हैं। लेकिन हकीकत में इस व्यवस्था परिवर्तन का लोगों पर कितना असर पड़ रहा है, यह धरातल पर दिख रहा है। कुल्लू जिला के मलाणा में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे अस्पताल जाने के लिए चार किलोमीटर दूर तक पैदल चलना पड़ा।

जोखिम भरे रास्तों से अस्पताल पहुंचाई गर्भवती महिला

मलाणा से सामने आया यह मामला सभी को हैरान करने वाला था। क्योंकि प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला के लिए आपदा में टूटे रास्ते मुसिबत बन गए। पहले तो महिला ने दर्द से कराहते हुए 5 किलोमीटर लंबा सफर पैदल तय किया और उसके बाद जिस तारस्पेन (ट्राली) में ग्रामीण राशन पहुंचाते हैं, उसमें बैठाकर महिला को जोखिम भरे प्वाइंट के दूसरी तरफ पार करवाया गया। इसके बाद ही महिला अस्पताल पहुंच पाई।

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स्वास्थ्य विभाग की टीम रही साथ

इस महिला को कुल्लू अस्पताल ले जाया जाना था। लेकिन रास्ते टूटने के चलते महिला को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि पैदल सफर के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके साथ रही और पल पल उसके स्वास्थ्य को लेकर उससे पूछताछ करती रही। लेकिन फिर भी रास्ते न होने के कारण महिला को ऐसी हालत में इतना जोखिम भरा सफर तय कर कुल्लू में अस्पताल लाया गया।
31 जुलाई की तबाही ने शेष दुनिया से काट दिया है मलाणा का संपर्क
बता दंे कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 31 जुलाई को भारी तबाही हुई थी । इस तबाही में मलाणा का देश हिमाचल से पूरी तरह कट गया था। हालांकि यहां सरकार द्वारा सुध ना लेने से लोगों ने खुद ही अपने स्तर पर एक पुल और बाद में हैलीपेड का निर्माण कर दिया। यहां की सड़कें बाढ़ से पूरी तरह से टूट गई हैं। जिससे यहां के लोगांे को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें: अगले 6 दिन हिमाचल के लिए भारी, आंधी-तूफान और बारिश की चेतावनी जारी

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