कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का लोक निर्माण विभाग सवालों के घेरे में आ गया है। ठेकेदार यूनियन ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के ज्वालाजी में लोक निर्माण विभाग की टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अपने चहेते कॉट्रेक्टरों को काम देने के आरोप लगाए हैं। ठेकेदार यूनियन ने आरोप लगाया है कि ऑनलाइन टेंडर के निर्देशों के बीच अपने चहेतों को ऑफलाइन टेंडर बांटे जा रहे हैं।
सरकार ने दे रखे हैं ऑनलाइन टेंडर के आदेश
दरअसल हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में सरकार ने ऑनलाइल टेंडर जारी करने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके ऑफलाइन टेंडर दिए जा रहे हैं। यूनियन का आरोप है कि अधिकारी सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और अपने चहेतों को काम देने के लिए अधिकारियों ने 56 टेंडर ऑफलाइन दे दिए हैं।
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अधिकारी सरकारी आदेशों की उड़ा रहे धज्जियां
जय मां ज्वाला ठेकेदार यूनियन ने ज्वालाजी लोक निर्माण विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बाद भी एक से पांच लाख तक के 56 टेंडर ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अपने चहेतों को बांटे गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ज्वालाजी में अधिकारियों ने 56 टेंडर ऑफलाइन दिए हैं।
26 और 28 दिसंबर को जारी किए 56 टेंडर
ठेकेदार यूनियन ने बताया कि सरकार ने 23 दिसंबर 2024 को सिर्फ ऑनलाइन टेंडर दिए जाने की अधिसूचना जारी की थी। लेकिन इस नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने 26 और 28 दिसंबर को 28-28 टेंडर ऑफलाइन माध्यम से जारी कर दिए।
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अधिसूचना के बाद जारी किए ऑफलाइन टेंडर
यूनियन का कहना है कि अन्य स्थानों पर सरकार की नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सभी टेंडर ऑनलाइन दिए जा रहे हैं और जो पहले से टेंडर जारी किए गए थे, उन्हें निरस्त कर दिया गया। निरस्त किए टेंडरों को भी बाद में ऑनलाइन माध्यम से दिया जा रहा है। लेकिन ज्वालाजी में विभाग के अधिकारी सरकार की अधिसूचना को ठेंगा दिखा कर काम कर रहे हैं।
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विक्रमादित्य सिंह से भी कर चुके शिकायत
जय मां ज्वाला ठेकेदार यूनियन ने आरोप लगया कि हमारे पदाधिकारियों ने इसकी शिकायत लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विभागीय सचिव, प्रमुख अभियंता, चीफ इंजीनियर धर्मशाला व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी की है, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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क्या बोले पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ?
वहीं लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन मनीष सहगल ने इस मामले में बताया कि जो भी टेंडर जारी किए गए हैं, वे पहले से पब्लिश हो चुके थे। इस कारण इन्हें रद्द करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 22 दिसंबर के बाद कोई भी टेंडर ऑफलाइन नहीं लगाया गया है।