सोलन। हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में टॉप पर पहुंचाने के तमाम प्रयास खोखले नजर आ रहे हैं। प्रदेश की जनता द्वारा ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि शिक्षा के प्रति सरकार कितनी संवेदनशील है, यह जगजाहिर है।
नौनिहालों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ का ताज़ा मामला प्रदेश के जिला सोलन से सामने आया है जहां बीते 7 महीने से बच्चे किराए की दुकान में अपनी क्लासें लगा रहे हैं।
7 महीनों में नहीं मिला अपना भवन
जानकारी के अनुसार, सोलन जिले के तहत आती कोट बेजा पंचायत के गुनाई गांव में स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला के छात्रों के लिए शिक्षा की सुविधा मुश्किल हो गई है।
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'सब पढ़ें सब बढ़ें' के नारे के बावजूद स्कूल के छात्रों को 7 महीनों से उचित भवन की सुविधा नहीं मिल पा रही है। स्कूल की बिल्डिंग जून 2023 में असुरक्षित घोषित की गई थी और मार्च 2024 तक इसे तोड़ने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद छात्र सामुदायिक भवन और किराए पर ली गई दुकानों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
स्टाफ और परिजन मिलकर चुका रहे किराया
मौजूदा समय में स्कूल चलाने के लिए ली गई तीन दुकानों का किराया 3,000 रुपए प्रति माह है जो शिक्षकों और अभिभावकों द्वारा चुकाया जा रहा है।
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एक दुकान में कक्षाएं चल रही हैं जबकि बाकी दो दुकानों में स्कूल का सामान रखा गया है। कुछ कक्षाएं सामुदायिक भवन में भी आयोजित की जा रही हैं। स्कूल में कुल 54 छात्र हैं और केवल 2 शिक्षक तैनात हैं। प्री-नर्सरी में 22 बच्चे हैं जिनके लिए अभिभावकों ने एक और शिक्षक की व्यवस्था की है।
भवन निर्माण का एस्टीमेट तैयार
अभिभावकों में स्कूल भवन की स्थिति को लेकर गुस्सा है क्योंकि छात्रों के लिए खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
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भारतीय जन समस्या निवारण मंच के अध्यक्ष पवन समैला ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और स्थानीय विधायक के सामने उठाने का वादा किया है। वहीं, शिक्षा विभाग ने 40 लाख रुपए की लागत से स्कूल भवन के निर्माण का एस्टीमेट तैयार किया है और बजट पास होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।