हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नादौन एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया गया कि यहां रात को एक डिलीवरी यानी प्रसव का केस आया तो अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने अपनी असमर्थता जताते हुए प्रसव का यह केस हमीरपुर रेफर कर दिया।
गर्भवती महिला को झेलनी पड़ी अधिक पीड़ा
जानकारी के अनुसार, अस्पताल में रात्री ड्यूटी के लिए आंख के डॉक्टर को तैनाती दी गई थी। जिस कारण डॉक्टर को मजबूरन गर्भवती महिला को रेफर करना पड़ा।
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इससे एक ओर जहां जहां गर्भवती महिला को अधिक पीड़ा को झेलना पड़ा। वहीं, दूसरी ओर उसके अभिभावकों को भी रात भर परेशानी झेलनी पड़ी। जिस कारण स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा है।
अकसर रात में आते हैं आपातकाल के केस
अभिभावकों का कहना है कि, किसी भी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में रात के समय अकसर ही आपातकालीन केस आते हैं। ऐसे में रात के समय आंख-कान के डॉक्टर या किसी अन्य तरह के डॉक्टर की तैनाती सीधे तौर पर लापरवाही की ओर इशारा करती है। स्वास्थ्य विभाग के पास डॉक्टरों की एक लम्बी फेहरिस्त होने के बावजूद भी इस तरह के मामलों का सामने आना दुखद है।
परिजनों को सताने लगी थी जान की चिंता
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वहीं महिला के परिजनों ने कहा कि, डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंची महिला को दूसरे अस्पताल रेफ़र करने से ना सिर्फ हमें परेशानी झेलनी पड़ी बल्कि आपातकाल की इस स्थिति में महिला की जान के लिए भी एक बड़ा खतरा दिख रहा था।
3 जिलों के लोगो लेते हैं स्वास्थ्य लाभ
परिजनों ने कहा कि, सही समय पर इलाज़ के लिए ही लोग पास के अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं। मगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नादौन की बात की जाए तो यहां 3 जिलों- हमीरपुर, कांगड़ा व बिलासपुर के लोग स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेने के लिए आते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने विभाग की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गम्भीरता की पोल खोल दी है।
पहले भी सामने आ चुकी है लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि कि, यह कोई पहला मामला नहीं है जहां इस तरह की लापरवाही सामने आई हो। इससे पहले भी ऐसा मामला सामने आ चुका है जब रात के वक्त एक कान के डॉक्टर की तैनाती कर दी गई थी और जब मरीज़ पहुंचा तो डॉक्टर इलाज नहीं कर पाए थे।
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BMO ने दी सफाई
उधर, BMO डॉ. केके शर्मा ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर सफाई देते हुए बताया कि, अस्पताल में सभी डॉक्टर MBBS होते हैं। वह सभी हर तरह के मरीज को देखने में सक्षम होते हैं। साथ ही उन्हें हर किसी मरीज को देखने का प्रावधान है।
सीएम की माता के साथ भी बनी यही स्थिति
विदित हो, ऐसा मामला उस समय एक समय पिछले दिनों सीएम सुखविंदर सिंह की माता के साथ भी कुछ ऐसा मामला पेश आया था। हालांकि वह मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण विभाग कुछ हरकत में तो आया था और थोड़े दिन हालात ठीक भी रहे थे। मगर अब फिर हालात पहले जैसे बनते जा रहे हैं।