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December 15, 2024

हिमाचल: कंधे पर पालकी.. उसमें मरीज, डेढ़ घंटा पैदल चल सड़क तक पहुंचाया

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चंबा। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और लोक निर्माण विभाग का जिम्मा संभाल रहे मंत्री विक्रमादित्य सिंह भले ही गांव गांव में सड़क सुविधा के दावे करते हों, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरित है। आज भी कई ऐसे गांव हैं, जो सड़क सुविधा से महरूम हैं। यहां पर आज भी किसी के बीमार होने पर उसे पालकी में उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। ऐसा ही कुछ चंबा जिला में भी देखने को मिला।

चंबा जिला का है मामला

दरअसल चंबा जिला में स्थित मिनी स्विटजरलैंड खजियार में एक महिला के बीमार होने पर उसे पालकी में डाल कर कंधों पर रात के अंधेरे में सड़क तक पहुंचाना पड़ा। रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी में कई बार महिला को उठाने वाले खुद भी गिरे। यह घटना खजियार पंचायत के गांव चौहरूई में देखने को मिली। यहां ग्रामीणों ने रात के अंधेरे में करीब डेढ़ घंटे का पैदल सफर कर पालकी में महिला को सड़क तक पहुंचाया और वहां से मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया गया। यह भी पढ़ें : सीएम सुक्खू के गृह जिला का हाल, सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे टेंट में रह रहा परिवार

रात को डेढ़ घंटे पैदल सफर कर अस्पताल पहुंचाया मरीज

जानकारी देते हुए बताया गया कि गांव की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला को रात को अचानक से सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इस दौरान उसे बीपी और शुगर बढ़ने की भी समस्या हो गई। जिसके चलते परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से महिला को अस्पताल पहुंचाने का प्रबंध किया। अब यह प्रबंध सुक्खू सरकार की आंखें खोलने वाला था। यह भी पढ़ें : हिमाचल : घर पर इंतजार कर रहे थे बच्चे, रास्ते में थम गई पिता की सांसें

चारपाई की बनाई थी पालकी

ग्रामीणों ने एक चारपाई की पालकी बनाई और उसमें महिला को सुला दिया। उसके बाद ग्रामीणों ने पालकी को कंधों पर उठाकर रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी में महिला को किसी तरह से सड़क तक और फिर वहां से वाहन के माध्यम से अस्पताल तक पहुंचाया। इस दौरान पालकी उठाने वालों के कई बार पैर फिसल और गिरने से बचे। यह भी पढ़ें : हिमाचल : सेना में बड़ा अफसर बना हवलदार, ड्यूटी के साथ-साथ करता था पढ़ाई

ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष

ग्रामीणों ने बतााय कि वह सड़क सुविधा के लिए कई बार सरकार और विभाग से मांग कर चुके हैं। लेकिन उनकी मांग आज तक पूरी नहीं की गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि साल 2017 से लेकर 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान नेता उन्हें सड़क मार्ग का सपना दिखाते हैं वोट ले लेते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद उनकी मांग को कोई पूरा नहीं करता है। यह भी पढ़ें : हिमाचल: जंगल में मिली युवक की देह मामले में बड़ा खुलासा, दो हुए अरेस्ट

आश्वासन देने वाले नेताओं को दी चेतावनी

अब ग्रामीणों ने आश्वासन देने वाले नेताओं को दोटूक चेतावनी दी है कि अगर उनके गांव को सड़क सुविधा से नहीं जोड़ा गया तो वह आने वाले समय में किसी भी दल के प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे। पंचायत की तरफ से लोकसभा और विधानसभा के चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा।

क्या बोले पंचायत प्रधान

ग्राम पंचायत प्रधान खजियार देशराज ने बताया कि गांव के लिए सड़क निकालने को लेकर कई बार राजनीतिक प्रतिनिधियों तथा सरकारों से गुहार लगाई गई, लेकिन अभी तक यह सुविधा गांव वालों को नसीब नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने सरकार से सड़क सुविधा को उपलब्ध करवाने की मांग की है। यह भी पढ़ें : हिमाचल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में निकली भर्ती, एक क्लिक में यहां जानिए पूरी डिटेल वहीं लोक निर्माण विभाग चंबा के कार्यकारी अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में है। सड़क के बारे में सर्वे व बजट की मांग प्रदेश सरकार से की जाएगी। अगर लोग जमीन देते हैं तो सड़क का कार्य शुरू करवाया जा सकता है।
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