शिमला। हिमाचल में पहले से ही बेरोजगारी अपने चरम पर है। ऐसे में एक कंपनी ने एक साथ 450 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यानी कंपनी ने 450 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। कंपनी के इस फैसले से इंटक ;इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस भड़क गई है और कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है।
450 मजदूरों को नौकरी से निकाला
दरअसल राजधानी शिमला जिला के लुहरी में निर्माणााधीन निर्माणाधीन हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने एक साथ 450 मजदूरों की छंटनी कर दी है। बड़ी बात यह है कि कंपनी ने मजूदरों की छंटनी को लेकर कोई नोटिस भी नहीं दिया और ना ही इन मजदूरों को किसी तरह का कोई मुआवजा दिया गया है।
450 से अधिक मजदूरों को दिखाया बाहर का रास्ता
वहीं कंपनी के इस फैसले पर इंटक भड़क गया है और उसने कंपनी पर गैर कानूनी तरीके से मजदूरों की छंटनी के आरोप लगाए हैं। मजदूर संगठन का कहना है कि एसजेवीएनएल ने पटेल कंपनी को प्रोजेक्ट का कार्य दिया हुआ है। पटेल कंपनी के तहत ही प्रोजेक्ट में काम कर रहे 587 मजदूरों में से 450 से ज्यादा मजदूरों को एक साथ बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
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सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग
कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक ने प्रदेश सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और कंपनी से निकाले गए मजदूरों को वापस नौकरी पर रखवाने की मांग की है। इसी कड़ी में मजदूरों ने आज डीसी शिमला अनुपम कश्यप के साथ बैठक की है। जिसमें कांग्रेस के 2 विधायक भी शामिल हुए।
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डीसी को सौंपे ज्ञापन में बताया गया कि मजूदरों की नौकरी जाने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने बिना नोटिस दिए ही इन मजूदरों को निकाल दिया है। अब इन मजदूरों को घर चलाना और बच्चों की पढ़ाई के लिए परेशानी हो रही है।
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कंपनी ने की 450 मजदूरों की छंटनी
इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष विहारी सेवगी ने शिमला में बताया कि शिमला के निकट में रामपुर के पास निर्माणाधीन 210 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में गैर कानूनी तरीके से करीब 450 लोगों की छंटनी की गई है। प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने 16 अगस्त को एक साथ इन 450 मजदूरों को कंपनी से बाहर निकाल दिया। यही नहीं निकाले गए कर्मचारियों को अंतिम 2 महीनों के वेतन तक नहीं दिया गया है।
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डीसी शिमला के समक्ष रखा मजदूरों का पक्ष
उन्होंने कहा कि लुहरी प्रोजेक्ट से निकाले गए मजदूरों को लेकर आज बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों जिसमें रामपुर और ठियोग के विधायक भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि डीसी शिमला और दोनों विधायकों के सामने उन्होंने मजदूरों का पक्ष रखा है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले का जल्द से जल्द समाधान निकालेगी।