शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम के 357 बस कंडक्टर दिहाड़ी लगाने को मजबूर हैं। इनकी मजबूरी यह है कि सरकार इन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दे रही है। जिसके चलते यह युवा घर चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं। प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ अब इन युवाओं का रोष बढ़ता जा रहा है।
2022 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया
दरअसल हिमाचल सरकार ने अक्टूबर 2022 में एचआरटीसी ने कंडक्टर के 360 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। साल 2023 के अंतिम माह दिसंबर में हिमाचल पथ परिवहन निगम में बस कंडक्टर की भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। जिसके बाद मार्च 2024 में इसका फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया गया। जिसमें 357 युवाओं का चयन किया गया था।
16 मार्च 2024 को घोषित हुआ था फाइनल रिजल्ट
16 मार्च 2024 में फाइनल रिजल्ट घोषित होने के बावजूद भी दो बार आचार संहिता लागू होने के चलते अब तक चयनित युवाआंे को ज्वाइनिंग नहीं मिल पाई है। फाइनल रिजल्ट घोषित होने के चार महीने बाद भी नियुक्ति की कोई सूचना नहीं है। जिसके चलते अब यह युवा अपना घर चलाने लिए दिहाड़ी मजूदरी करने को मजबूर हो गए हैं।
भूख हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
इन अभ्यर्थियों ने सरकार से एक सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुईए तो वे 22 जुलाई से भूख हड़ताल पर जाएंगे।
अभ्यर्थियों अंकेश, अनिल, मनोज, पंकज, राहुल, अतुल, अभिषेक, अमन, अश्वनी, सुनील, और विक्की ने अपनी व्यथा प्रकट करते हुए कहा कि 360 पदों पर शुरू हुई यह भर्ती प्रक्रिया दो साल बाद भी अधुरी है।
बढ़ती उम्र बनी चिंता का विषय
16 मार्च को फाइनल रिजल्ट घोषित होने के बाद लगभग चार महीने बीत गए हैं। लेकिन सरकार अभी तक चयनित युवाआंे को नियुक्ति पत्र नहीं दे पाई है। सरकार की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण वे अपने परिवार का पालन.पोषण करने के लिए मजदूरी करने पर विवश हैं। कई अभ्यर्थियों की उम्र 40 वर्ष से अधिक हो चुकी हैए जिससे उनकी चिंता और भी बढ़ गई है।