शिमला। हिमाचल में लोकसभा चुनाव के 7वें व अंतिम चरण का मतदान कल होने जा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन विभाग हर मतदाता की मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए और मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने में करोड़ों रुपए खर्च करता है। बावजूद इसके हिमाचल पुलिस के सैंकड़ों जवान अपने मताधिकार से वंचित रहने को मजबूर हैं।
डिजिटल युग में भी पुलिस के जवान वोट देने से वंचित
आज के डिजिटल युग में भी अगर कोई सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी के चलते मतदान का प्रयोग ना कर पाए, तो यह भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा देता है। दरअसल हिमाचल के विभिन्न वाटालियनों के करीब 1200 पुलिस जवान कल अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
4 अप्रैल से बाहरी राज्यों में ड्यूटी दे रहे यह पुलिस जवान
बता दें कि प्रदेश के यह 1200 पुलिस जवान देश के विभिन्न राज्यों में चुनावी ड्यूटी के लिए गए हैं। ऐसे में अब इन जवानों का कल वापस हिमाचल में लौटना संभव नहीं है। जिसके चलते यह 1200 पुलिस जवान अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। बता दें कि हिमाचल के यह पुलिस जवान 4 अप्रैल से प्रदेश के विभिन्न राज्यों में चुनावी ड्यटी पर गए थे।
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4 जून को मतगणना के बाद होगी वापसी
बताया जा रहा है कि जब यह पुलिस जवान 4 अप्रैल को अपनी चुनावी ड्यटी पर गए थे, तो इन्हें आश्वासन दिया गया था। उन्हें पहली जून से पहले हिमाचल बुला लिया जाएगा, ताकि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। लेकिन इन पुलिस जवानों का अभी तक घर वापसी का रास्ता साफ नहीं हो पाया है।
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ऐसे में यह तय है कि अब यह जवान कल होने वाले मतदान में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। बाहरी राज्यों में गए यह जवान अब 4 जून को मतगणना के वाद ही हिमाचल लौट सकेंगे।
2019 में मिली थी सैनिकों को ये सुविधा
आपको बता दें कि 2019 में 17वीं लोकसभा के चुनाव के वक्त निर्वाचन योग ने देश की सरहदों की रक्षा करने वाले जवानों के लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम की सुविधा दी थी, ताकि देश की सरकार के चुनाव में सैनिकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा सके।
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ऐसे में अब कहा जा रहा है कि हिमाचल पुलिस के जवानों को भी इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम की सुविधा मिलनी चाहिए, ताकि अन्य राज्यों में चुनावी ड्यटी पर जाने वाले पुलिस के जवान भी अपने मत का प्रयोग कर सकें।