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November 17, 2024

हिमाचल : मजदूर की बेटी बनी नर्सिंग ऑफिसर, बिना किसी कोचिंग के हासिल किया मुकाम

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मंडी। हिमाचल प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। सूबे की बेटियां आज कई बड़े पदों पर विराजमान हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के छोटे से गांव की एक और बेटी ने होनहारों की सूची में अपना जोड़ लिया है।

नर्सिंग ऑफिसर बनी प्रतिमा

हिमाचल के मंडी जिले की बेटी प्रतिमा ने कड़ी मेहनत से नर्सिंग ऑफिसर का पद हासिल किया है। इस बेटी ने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास कर यह जता दिया कि किसी भी मंजिल को कड़ी मेहनत से हासिल किया जा सकता है। यह भी पढ़ें : हिमाचल के हालात को लेकर बेशर्मी से झूठ बोल रहे कांग्रेसी, ठगने का कर रहे काम- अनुराग

AIIMS पटना में देंगी सेवाएं

प्रतिमा सरकाघाट उपंडल के अप्पर बरोट स्थित जमनवाला गांव की रहने वाली हैं। प्रतिमा का चयन AIIMS पटना में बतौर नर्सिंग ऑफिसर हुआ है। प्रतिमा ने ये सफलता हासिल कर गांव के साथ-साथ पूरे प्रदेश का नाम देशभर में रोशन किया है। प्रतिमा उर्फ पूनम की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यामिक पाठशाला पौंटा से हुई है। इसके बाद प्रतिमा ने नर्सिंग कॉलेज बिजनी से उत्तीर्ण की। यह भी पढ़ें : हिमाचल पुलिस ने राजस्थान से पकड़ा चोर- शिक्षक के घर गहने-नकदी पर फेरा था हाथ

बिना कोचिंग के हासिल की सफलता

खास बात ये है कि प्रतिमा ने बिना किसी कोचिंग के खुद तैयारी कर ये सफलता हासिल की है। प्रतिमा ने पहले ही प्रयास में नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा पास कर ली है। प्रतिमा ने साबित कर दिया है कि चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों ना हो कड़ी मेहनत करके कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।

दिहाड़ी-मजदूरी करते हैं पिता

प्रतिमा के पिता जगदीश चंद दिहाड़ी-मजदूरी करते हैं। जबकि, मां सुरेखा देवी गृहणी हैं। प्रतिमा के माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने नर्सिंग ऑफिसर बन उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उन्होंने बताया कि प्रतिमा बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थी। प्रतिमा के पिता ने कहा कि उनका सपना था कि उनकी बेटी बड़ी अफसर बने और प्रतिमा ने उनके इस सपने को सच कर दिखाया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पहले शादी के दिखाए सपने, कई बार की नीचता और फिर मुकर गया

आगे बढ़ने के लिए किया प्रेरित

प्रतिमा ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिजनों और शिक्षको को दिया है। नंदिनी ने कहा कि मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और हर मुश्किल परिस्थिति में मेरा साथ दिया। प्रतिमा ने कहा कि अगर मन में किसी मंजिल को पाने का जज्बा हो तो उसने पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता है।

पूरे गांव के लिए बनी प्रेरणा

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि इस सफलता के बाद प्रतिमा पूरे गांव के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी है। उसे देख कर गांव के अन्य बेटियों को भी आगे बढ़ने की प्ररेणा मिलेगी। प्रतिमा की इस सफलता ने युवाओं को जीवन में अच्छा और बड़ा मुकाम हासिल करने का जज्बा भर दिया है।

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