शिमला। कहते हैं ना पंख छोटे हैं या बड़े इस बात से फर्क नहीं पड़ता। फर्क इस बात से पड़ता है कि पंख हैं तो सही- और यहां पंखों से मतलब आपके हौंसले से हैं। जब हौंसला भर दिया ऊंची उड़ान का फिर फिजूल है देखना कद आसमान का। यह पंक्तियां चरितार्थ करती हैं शिमला जिले की बेटी निधि वर्मा।
सेना में लेफ्टिनेंट बनी निधि
कुमारसैन की ग्राम पंचायत मलैंडी के धनाल गांव की निधि वर्मा सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। निधि के लिए यह सफर आसान नहीं था। इस पद तक पहुंचने के लिए निधि ने रात-दिन कड़ी मेहनत की।
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किसान है निधि के पिता
निधि वर्मा के पिता यशपाल एक प्रगतिशील किसान और माता जोगिंद्री एक गृहिणी हैं। निधि के लेफ्टिनेंट बनने से ना सिर्फ उसके परिवार में बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर सिलेक्शन होने के बाद निधि के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है।
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कई बेटियां बनी सेना में लेफ्टिनेंट
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की बेटियां हर कदम पर बेटों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं। प्रदेश की कई बेटियों ने बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए हैं। हाल ही में कई बेटियों भारतीय सेना में नर्सिंग ऑफिसर बनी हैं। हमीरपुर जिला की टौणीदेवी तहसील के ऊहल गांव की रहने वाली शिप्रा ठाकुर का भी चयन भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है। शिप्रा ठाकुर सिक्किम में अपनी सेवाएं देंगी।
हौंसला मजबूत तो हर राह हो जाती है आसान
इनके अलावा सिरमौर की प्रीति, बिलासपुर की कंचन, कांगड़ा की दीक्षा कपूर समेत कई बेटियां सेना में लेफ्टिनेंट बनी है- जो कि प्रदेश के लिए बड़े ही गर्व की बात है। दीक्षा कपूर ने एक नहीं बल्कि केंद्र सरकार के 6 अलग-अलग स्थानों में नौकरी पाने में बाजी मारी है। दीक्षा की सफलता की पूरे गांव व प्रदेश में चर्चा हो रही है। दीक्षा ने इस सफलता से यह साबित कर दिखाया है कि अगर हौंसले मजबूत हो तो मुश्किल राह भी आसान हो जाती है।