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October 20, 2024

हिमाचल के प्रत्यूष ने पहले ही अटेंप्ट में क्वालीफाई किया JRF, हासिल किए इतने अंक

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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के कई विद्यार्थियों ने UGC NET की परीक्षा में लोहा मनवाया है। इसी कड़ी में बिलासपुर जिला के 21 वर्षीय प्रत्यूष शर्मा ने भी हिमाचल का नाम रोशन किया है। प्रत्यूष ने पहले अटेंप्ट में JRF की परीक्षा को उत्तीर्ण किया है। प्रत्यूष पहला छात्र है- जिसने इतनी कम उम्र में पहले ही प्रयास में JRF की परीक्षा क्वालीफाई की है।

कम उम्र के पहले छात्र ने पास किया JRF

प्रत्यूष शर्मा ने JRF की परीक्षा में 300 में से 236 अंक लेकर प्रथम स्थान हासिल किया है। प्रत्यूष की इस उपलब्धि ने ना सिर्फ उनके माता-पिता का बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : एक गलती चरस तस्कर को पड़ी महंगी, बड़ी खेप के साथ हुआ अरेस्ट

होनहार छात्र है प्रत्यूष शर्मा

प्रत्यूष शर्मा बिलासपुर जिला के लखनपुर का रहने वाला है। प्रत्यूष शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय में कला स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर का छात्र है। प्रत्यूष ने संगीत क्षेत्र में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों को अपने नाम किया है। साल 2022 में राज्य स्तरीय युवा उत्सव में शास्त्रीय हारमोनियम वादन में प्रत्यूष ने प्रथम पुरस्कार जीता था। इसके अलावा अंडर-19 स्कूली राज्य सांस्कृतिक प्रतियोगिता में संगीत गायन में कई बार विजेता रहे हैं। वहीं, अब प्रत्यूष ने पहले ही प्रयास में JRF की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। यह भी पढ़ें :  हिमाचल : 1500 वाली स्कीम में फंसा नया पेंच, महिलाओं को करना होगा और इंतजार

संगीत प्रवक्ता रह चुके हैं प्रत्यूष के पिता

प्रत्यूष के पिता अनूप शर्मा हाल ही में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खुन्नी शिमला से बतौर प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने करीब 23 साल संगीत प्रवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। प्रत्यूष की मां ऋचा शर्मा गृहिणी हैं। आपको बता दें कि JRF के एग्जाम में कुल 4200 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। इसमें सामान्य श्रेणी में सिर्फ 9 विद्यार्थियों का JRF में चयन किया गया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : बीमार बच्चों को छोड़ गई मां, नौकरी कर पालती रही परिवार का पेट

JRF एग्जाम क्वालीफाई करने के फायदे-

  • PHD को दौरान पांच वर्ष तक मासिक रूप से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान होता है।
  • महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता प्रमाण पत्र दिया जाता है।
प्रत्यूष शर्मा ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है।

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