#उपलब्धि
May 31, 2025
हिमाचल : कर्नल का बेटा बना सैन्य अधिकारी, पासिंग आउट परेड में वर्दी पहन पहुंचे पिता- मां हुई भावुक
तीन साल किया कठिन प्रशिक्षण- कर्नल पिता का सीना किया चौड़ा
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सिरमौर। कभी बाप की बंदूक थी हाथों में थमी, अब बेटे के सीने में वही आग जमी। NDA पास कर दिखाया ये हुनर, जो सीखा घर में, बना उसका सफर। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के बेटे विवेक सिंह चौहान ने।
शिलाई उपमंडल स्थित लोजामानल गांव के बेटे विवेक सिंह चौहान ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी NDA से तीन साल का कठिन सैन्य व शैक्षणिक प्रशिक्षण पूरा कर प्रदेश और अपने परिवार का नाम रोशन किया है। NDA की हाल ही में आयोजित पासिंग आउट परेड में उन्होंने गर्व के साथ भाग लिया और अब वह देहरादून स्थित IMA में अंतिम प्रशिक्षण के लिए कदम बढ़ा चुके हैं।
यह क्षण चौहान परिवार ही नहीं, बल्कि समूचे शिलाई क्षेत्र के लिए गर्व और प्रेरणा से भरा हुआ है। विवेक चौहान के इस सैन्य सफर की नींव उनके कर्नल पिता जगत सिंह चौहान ने डाली थी, जो स्वयं सेना में सिपाही से शुरू कर 2002 में आर्मी कैडेट कॉलेज के माध्यम से अधिकारी बने थे।
मां मोनिका चौहान शिक्षा विभाग में अध्यापक हैं और उनके बड़े भाई रजत चौहान राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, शिमला से विधि की पढ़ाई कर रहे हैं। इस परिवार में देशसेवा, शिक्षा और अनुशासन की मजबूत परंपरा है। विवेक की पासिंग आउट परेड में उनके पिता वर्दी में पहुंचे। ये पल पूरे परिवार के लिए बेहद भावुक पल था। विवेक की मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक गए।
NDA के 148वें कोर्स में चयनित विवेक का परिणाम 15 नवंबर 2021 को घोषित हुआ था। 11 से 15 मार्च 2022 तक SSB का इंटरव्यू हुआ और उसके बाद मेडिकल परीक्षण की प्रक्रिया 16 से 23 मार्च तक चली। अंततः 9 अगस्त 2022 को विवेक ने एनडीए खड़कवासला, पुणे में प्रशिक्षण शुरू किया और तीन वर्षों के गहन शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक प्रशिक्षण के बाद अब वह अधिकारी बनने की दिशा में अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं।
विवेक की सफलता के इस ऐतिहासिक अवसर पर उनके माता-पिता के साथ चाचा सुरेश चौहान, चाची गुलशन चौहान और बड़े भाई रजत चौहान भी मौजूद रहे। पिता कर्नल जे. एस. चौहान ने गर्व से कहा, “विवेक ने मुझे हमेशा वर्दी में देखा और शायद उसी ने उसमें देशभक्ति की भावना को जन्म दिया। आज जब वह भी वर्दी पहनकर देशसेवा के लिए तैयार है, तो यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है।”
NDA की इस पासिंग आउट परेड में करीब 300 पुरुष कैडेट्स के साथ-साथ 17 महिला कैडेट्स के पहले बैच ने भी सफलतापूर्वक स्नातक की उपाधि प्राप्त की-जो रक्षा सेवाओं में एक नए युग की शुरुआत है। विवेक सिंह चौहान की यह उपलब्धि न केवल उनके गांव और परिवार बल्कि पूरे सिरमौर और हिमाचल के युवाओं के लिए गर्व की बात है।