सिरमौर। हिमाचल प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में कई बड़े पदों पर विराजमान हैं। सूबे की बेटियां पहाड़ों की कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए बड़े मुकाम हासिल कर रही है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की एक बेटी ने भी अपनी सफलता का लोहा मनवाया है।
AIIMS में नर्सिंग ऑफिसर बनी नंदिनी
जिले के पच्छाद उपमंडल की 22 वर्षीय बेटी नंदिनी जस्सल का चयन AIIMS में बतौर नर्सिंग ऑफिसर हुआ है। नंदिनी जल्द बिहार के पटना AIIMS अस्पताल में अपनी सेवाएं देगी।
यह भी पढ़ें :
हिमाचल : पुशओं को चराने गई थी महिला, पहाड़ी से सिर पर गिरा पत्थर
बिना कोचिंग के हासिल की सफलता
खास बात ये है कि नंदिनी ने बिना किसी कोचिंग के खुद तैयारी कर ये सफलता हासिल की है। नंदिनी ने साबित कर दिया है कि चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों ना हो कड़ी मेहनत करके कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
नंदिनी पच्छाज के बजगा पंचायत में स्थित बनाड़ गांव की रहने वाली है। नंदिनी की प्रारंभिक शिक्षा सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहां से पूरी हुई है। फिर नंदिनी ने अकाल कॉलेज ऑफ नर्सिंग बड़ू साहिब से BSC नर्सिंग की डिग्री हासिल की।
यह भी पढ़ें :
हिमाचल : काम के सिलसिले में निकला शख्स हुआ गायब, दर-दर भटक रहा परिवार
इसके बाद नंदिनी ने घर पर ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दी। अपनी मेहनत के दम पर नंदिनी ने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की और नर्सिंग ऑफिसर बन गई।
सफर नहीं था आसान
नंदिनी के पिता मदन सिंह शिक्षा विभाग में CHT हैं। जबकि, मां चंदा देवी गृहिणी हैं। नंदिनी के नर्सिंग ऑफिसर बनने से उसके माता-पिता काफी खुश हैं। घर के साथ साथ पूरे गांव में खुशी का माहौल है। नंदिनी के माता-पिता का कहना है कि सीमित संसाधानों के बावजूद उनकी बेटी ने हमारा और अपना सपना साकार कर दिखाया है। बेटी के लिए इस उपलब्धि को हासिल करने का सफर आसान नहीं था। मगर उसने मेहनत ये बड़ा मुकाम हासिल कर पूरे गांव में उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।
यह भी पढ़ें :
संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई आज, मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी की याचिका पर होगा फैसला
हर परिस्थिति में दिया साथ
नंदिनी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिजनों और शिक्षको को दिया है। नंदिनी ने कहा कि मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने हर मुश्किल परिस्थिति में मेरा साथ दिया और मेरे सपनों को अपना सपना बना लिया था।
पूरे गांव के लिए बनी प्रेरणा
वहीं, नंदिनी की सफलता पर ग्रामीणों का कहना है कि नंदिनी पूरे गांव के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी है। उसे देख कर गांव के अन्य बेटियों को भी आगे बढ़ने की प्ररेणा मिलेगी। नंदिनी की इस सफलता ने युवाओं को जीवन में अच्छा और बड़ा मुकाम हासिल करने का जज्बा भर दिया है।