#उपलब्धि
January 11, 2025
हिमाचल की कुसुम ने 200 मीटर रेस में जीता गोल्ड, फेफड़ों की बीमारी को दी मात
कुसुम ठाकुर ने राष्ट्रीय स्तर पर 200 मीटर दौड़ में जीतकर हिमाचल का नाम रोशन किया
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शिमला। अगर हमारा हौसला मजबूत हो, तो किसी भी मुश्किल या कठिनाई का सामना हम मजबूती से कर सकते हैं और हार का कोई सवाल ही नहीं उठता। जीवन में चुनौतियां हमेशा आती हैं, लेकिन हौसले और दृढ़ निश्चय के साथ हम हर कठिनाई को पार कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कुसुम ठाकुर ने।
कुसुम ठाकुर अपने हौसले और मेहनत के बल पर राष्ट्रीय पटल पर छा गई हैं। कुसुम ठाकुर ने चौथी ऑल इंडिया ओपन एथलेटिक मीट में 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत है।
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चौथी ऑल इंडिया ओपन एथलेटिक मीट प्रतियोगिता पटना में आयोजित की गई थी। इसमें-
आपको बता दें कि कुसुम की यह उपलब्धि किसी चमत्कार से कम नहीं है। 19 साल की उम्र में कुसुम का शरीर इतनी गंभीर स्थिति में था कि डॉक्टरों ने उनके एथलेटिक्स करियर पर सवाल उठा दिए थे।
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दरअसल, करीब ढाई साल पहले उनके दोनों फेफड़ों में पानी भर गया था। जिस कारण डॉक्टर्स ने उन्हें मैदान की तरफ देखने तक से भी मना कर दिया था। डॉक्टरों ने कुसुम को दौड़ने की उम्मीद छोड़ देने की सलाह दी थी। मगर कुसुम ने हार नहीं मानी और इस असंभव स्थिति को चुनौती मानकर खुद को साबित किया। कुसुम ने अपने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं।
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कुसुम इससे पहले भी कई बार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता के परचम लहरा चुकी हैं। कुसुम ने हिमाचल प्रदेश में इंटर कॉलेज एथलेटिक्स चेंपियनशिप में नए कीर्तिमान स्थापित किए थे और इसके बाद ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी पदक हासिल किए थे।
कुसुम ठाकुर एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती हैं। वर्तमान में कुसुम ठाकुर वल्लभ राजकीय महाविद्यालय, मंडी में कला संकाय थर्ड इयर की छात्रा हैं। कुसुम अपनी इस सफलता का श्रेय अपने भाई हरीश चंद्र, माता-पिता, कोच अंकित चंबयाल और गुरुजनों को देती हैं। कुसुम का कहना है कि उनका सपना है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करें।