मंडी। किसी शायर ने लिखा है बचपन से सुनते थे जो रण की कहानियां, दिल में बस गई वीरों की निशानियां। आज वही सपना पूरा करने चले हैं, सरहद पे अपना नाम लिखाने चले हैं। इन खूबसूरत लाइनों को बखूबी चरितार्थ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बेटे आयुष ने।
बचपन का सपना किया सच
आयुष ने अपने बचपन में सपना देखा था कि वो बड़े होकर एक दिन भारतीय सेना में जाएंगे और देश सेवा करेंगे। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए आयुष ने दिन-रात कड़ी मेहनत की और सेना में लेफ्टिनेंट पद हासिल किया। आयुष का यह उपलब्धि हासिल करना ना सिर्फ उनके या उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।
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लेफ्टिनेंट बना आयुष
आपको बता दें मंडी जिले से चच्योट क्षेत्र के रहने वाले आयुष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चैलचौक स्कूल से हासिल की। फिर जमा 2 की पढ़ाई नेरचौक से पूरी की।
आयुष ने CDS की परीक्षा में सफलता हासिल कर IMA देहरादून में प्रशिक्षण हासिल किया। जहां से बीते शनिवार को पास आउट हो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने है। आयुष 18-मद्रास रेजीमेंट में अपनी सेवाएं देंगे।
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आयुष के दादा सेवानिवृत्त तहसीलदार दुर्गादत्त पोते की इस सफलता से बेहद खुश हैं। आयुष के पिता संजीव कुमार मुख्याध्यापक हैं। आयुष की मां कुसुम गृहिणी हैं और आयुष की एक बहन भी है- जो MSC की पढ़ाई पूरी कर चुकी है।
दिन-रात की मेहनत
आयुष के परिजनों ने बताया कि आयुष का बचपन से ही भारतीय सेना में जाने का सपना था। उसने अपनी मेहनत और लगन से अपने सपने को सच कर दिखाया है। आयुष के पिता ने बताया कि उन्होंने हमेशा आयुष को शिक्षा और अनुशासन की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि आयुष ने यह पद हासिल कर उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।