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August 30, 2024

हिमाचल के छोटे से गांव की बेटी आकांक्षा शर्मा भारतीय सेना में बनी लेफ्टिनेंट

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हमरीपुर। कहते हैं ना पंख छोटे हैं या बड़े इस बात से फर्क नहीं पड़ता। फर्क इस बात से पड़ता है कि पंख हैं तो सही- और यहां पंखों से मतलब आपके हौंसले से हैं। अगर आपके अंदर हौंसला है तो आप जिंदगी में बड़े से बड़ा मुकाम भी हासिल कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है- हिमाचल के हमीरपुर जिले की बेटी आकांशा शर्मा ने।

लेफ्टिनेंट बनी गांव की बेटी

नादौन के तरेटी गांव से संबंध रखने वाली आकांक्षा शर्मा का चयन भारतीय सैन्य सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। आकांक्षा विशाखापट्टनम में अपनी सेवाएं देंगी। उन्होंने ने दिन-रात मेहनत करके अपने परिवार का नाम रोशन किया है। यह भी पढ़ें: हिमाचल की शिप्रा बनी सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट, सच किया बचपन का सपना

दिन-रात की कड़ी मेहनत

आकांक्षा की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ स्कूल जलाड़ी से हुई है। आकांक्षा के परिजन बेटी की इस सफलता से काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि आकांक्षा हमेशा से ही राष्ट्र सेवा का सपना देखती थी। आकांक्षा ने उस लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की है।

पूरे गांव के खुशी की लहर

आकांक्षा के लेफ्टिनेंट बनने से ना सिर्फ उसके परिवार में बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर सिलेक्शन होने के बाद आकांक्षा के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है। यह भी पढ़ें: हिमाचल की कंचन सेना में बनी लेफ्टिनेंट नर्सिंग ऑफिसर, मुंबई में देंगी सेवाएं

कई बेटियां बनी सेना में लेफ्टिनेंट

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की बेटियां हर कदम पर बेटों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं। प्रदेश की कई बेटियों ने बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए हैं। हाल ही में कई बेटियों भारतीय सेना में नर्सिंग ऑफिसर बनी हैं। हमीरपुर जिला की  टौणीदेवी तहसील के ऊहल गांव की रहने वाली शिप्रा ठाकुर का भी चयन भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है। शिप्रा ठाकुर सिक्किम में अपनी सेवाएं देंगी।

हौंसला मजबूत तो हर राह हो जाती है आसान

इनके अलावा सिरमौर की प्रीति, बिलासपुर की कंचन, कांगड़ा की दीक्षा कपूर समेत कई बेटियां सेना में लेफ्टिनेंट बनी है- जो कि प्रदेश के लिए बड़े ही गर्व की बात है। दीक्षा कपूर ने एक नहीं बल्कि केंद्र सरकार के 6 अलग-अलग स्थानों में नौकरी पाने में बाजी मारी है। दीक्षा की सफलता की पूरे गांव व प्रदेश में चर्चा हो रही है। दीक्षा ने इस सफलता से यह साबित कर दिखाया है कि अगर हौंसले मजबूत हो तो मुश्किल राह भी आसान हो जाती है।

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