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September 28, 2025

हिमाचल में ट्रक चलाने वाले की बेटी जज बन गई: रोजाना 18 घंटे करती थी पढ़ाई

अपने ताया के बेटे और भाभी को दिया सफलता का श्रेय

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ट्रक चलाने वाले की बेटी बनी जज

ऊना। अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा का रिजल्ट आने के बाद से प्रदेश के अलग-अलग जिलों से उम्मीदवारों की सफलता और उनके संघर्ष की ढेरों कहानियां सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में ऊना जिले के बसदेहड़ा गांव में इस वक्त जश्न का माहौल है। क्योंकि यहां की रहने वाली होनहार बेटी सिमरनजीत कौर ने भी इस परीक्षा को पास किया है और जज बन गई हैं। 

ट्रक चलाते हैं पिता, बेटी की सफलता पर भावुक हो गए 

आपको बता दें कि सिमरनजीत कौर के पिता अमरीक सिंह पेशे से ट्रक चालाक है और अपनी बेटी की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं। 

प्रतिष्ठित अखबार दैनिक जागरण से बातचीत में अमरीक सिंह ने बताया कि मैं तो ट्रक लेकर गुवाहाटी तक जाता हूं.. घर कम आना हो पाता है पर मेरी बेटी ने मुझे आज जिस जगह खड़ा किया है, मैं सोच भी नहीं सकता था। जज सिमरन मेरी बेटी है किंतु उसे इस स्थान पर पहुंचाने में सारा योगदान उसके ताया के बेटे इकबाल का है.. मेरी खुशी ने मुझसे शब्द छीन लिए हैं।

 

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जज बनाने के लिए सिमरन ने कितनी पढ़ाई 

प्रारंभिक शिक्षा:पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल, मैहतपुर में पूरी की।
स्नातक डिग्री: पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) की डिग्री हासिल की।
स्नातकोत्तर डिग्री: एलएलबी के बाद, सिमरन ने एलएलएम (मास्टर ऑफ लॉ) की पढ़ाई पूरी की।
कोचिंग और तैयारी: चंडीगढ़ के एक कोचिंग सेंटर से न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग प्राप्त की।
अन्य परीक्षाओं में सफलता: सिमरन ने कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं दीं और उनमें सफलता प्राप्त की।
लक्ष्य और उपलब्धि: उनका मुख्य लक्ष्य न्यायिक सेवा में जाना था। सिमरनजीत कौर ने हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और जज बन गईं।

 

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रोजाना 15 से 18 घंटे करती थीं पढ़ाई

अपनी इस सफलता का श्रेय ताया योगा सिंह के बेटे इकबाल सिंह व उनकी पत्नी हरप्रीत कौर को देते हुए सिमरनजीत कहती हैं कि पढ़ाई से ही सफल हुआ जा सकता है। शार्टकट से जीवन में कुछ भी नहीं होता। वहीं, उनके घर वाले बताते हैं कि सिमरनजीत इस परीक्षा को पास करने के लिए रोजाना 15 से 18 घंटे तक पढ़ाई करती थीं, जिसके बाद उन्हें ये सफलता मिली है।

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