टाहलीवाल (ऊना)। कहते हैं कि मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है। इस वाक्य को आज कई युवाओं ने चरित्रार्थ कर दिया है। प्रदेश के कई होनहार युवा अपनी मेहनत के दम पर बड़े बड़े मुकाम हासिल कर चुके हैं। ऐसा ही एक युवा हिमाचल के ऊना जिला का रितिश है। रितिश ने भी अपनी मेहनत के दम पर ही आज बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है।
बेटे की उपलब्धि से परिजन खुश
दरअसल ऊना जिला के उपमंडल टाहलीवाल के छोटे से गांव छैत्रां के रहने वाले रितेश का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है। रितेश के लेफ्टिनेंट बनने से ना सिर्फ उसके परिवार में बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है। रितेश ने विपरित परिस्थितियों में कभी हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत को जारी रखा। जिसका ही नतीजा है कि आज उसने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है।
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ट्रेनिंग पूरी कर घर लौटा रितिश
रितेश ने अभी हाल ही में अपनी ट्रेनिंग को पूरा किया है। एक साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद रितेश लेफ्टिनेंट बनकर अपने गांव छैत्रां लौटे हैं। रितिश के घर पहुंचने पर उसके परिजनों ने उसका जोरदार स्वागत किया। वहीं गांव के भी कई लोग इस मौके पर मौजूद रहे। गांव के लोगों का कहना है कि रितेश की इस कामयाबी से गांव के अन्य युवाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
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संतोषगढ़ तक की 12वीं तक की पढ़ाई
बता दें कि रितेश ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा एसडी स्कूल संतोषगढ़ से पूरी की है। उसके बाद रितेश ने एनआईटी हमीरपुर में दाखिला लिया और यहां से उन्होंने बी टैक की डिग्री हासिल की। रितिश का एक साल पहले सितंबर 2023 में इलाहाबाद में लेफ्टिनेंट रैंक के लिए चयन हुआ और वह एक साल की ट्रेनिंग के लिए चेन्नई चले गए। आज अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह घर लौटे हैं।
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किसे दिया अपनी सफलता का श्रेय
रितेश की इस उपलब्धि पर प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित पंचायत प्रधान छैत्रां विकास सिंह विक्की ने बधाई दी है और उन्हें उज्जवल भविष्य की कामना की है। रितेश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा जोगिंद्र लाल, प्रधानाचार्य आरपी शर्मा व कर्नल दिगम्बर सिंह को दिया है। रितेश ने युवाओं से अपील की है कि अगर इमानदारी से मेहनत की जाए तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है। उसने युवाओं से अपना एक सपना देखना और उसे पूरी शिद्धत से पूरा करने में जुटने की अपील की है।