शिमला: हिमाचल के होनहार छात्र-छात्राएं आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के दम पर बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। हाल ही में जारी हुए नीट के रिजल्ट में भी हिमाचल के कई युवाओं ने बाजी मारी है। इस खबर में हम आपको प्रदेश के उन तीन युवा छात्रों के बारे में बताएंगे, जो नीट जैसी कठिन परीक्षा को क्रैक करने में सफल हुए हैं और अब वे MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर बनेंगे। साथ ही सबसे बड़ी ख़ास बात तो ये है कि ये तीनों छात्र कांगड़ा जिले के ही रहने वाले हैं।
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अकृत धनोआ ने किया कमाल
कांगड़ा जिले के तहत आते उपमंडल ज्वाली के भलाड़ गांव निवासी अकृत धनोआ ने NEET परीक्षा को बिना किसी कोचिंग के पास कर कमाल कर दिया है। अकृत धनोआ ने परीक्षा में 663 अंक प्राप्त किए। आपको बता दें NEET परीक्षा को देशभर की सबसे मुश्किल प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है। ऐसे में अकृत द्वारा बिना किसी कोचिंग की सहायता के परीक्षा को उत्तीर्ण कर लेना अपने में ही बहुत बड़ी उपलब्धि है।
सोशल मीडिया का किया त्याग
जानकारी के अनुसार अकृत धनोआ प्रतिदिन 8 से 9 घंटे पढ़ाई करते थे। अकृत ने कड़ी मेहनत से ये उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए सोशल मीडिया का त्याग कर दिया था। अकृत ने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने अभिभावकों तथा अध्यापकों को दिया है।
कांगड़ा के अनिकेत को मिले इतने अंक

इसी तरह जिला कांगडा के लंज क्षेत्र के रहने वाले अनिकेत शांडिल ने NEET परीक्षा में 617 प्राप्त करके पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। अनिकेत की 12वीं तक की शिक्षा नगरोटा सूरियां स्थित एक निजी स्कूल से हुई है। अनिकेत के माता-पिता उत्तम चंद और कविता देवी दोनों ही अध्यापक हैं। अनिकेत के माता पिता अपने बच्चे की इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं।
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प्रधान मां का बेटा बनेगा डॉक्टर
इन दोनों छात्रों की तरह ही कांगडा जिला के उपमंडल ज्वाली स्थित ढन क्षेत्र के निवासी छात्र एंजल ने भी NEET की परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफलता हासिल की है। एंजल ने परीक्षा में 662 अंक प्राप्त करके ये उपलब्धि अपने नाम की है। एंजल का सपना है कि वो AIIMS में एडमिशन ले तथा डॉक्टर बने।

NEET की परीक्षा पास करते ही एंजल ने अपने सपने को पूरा करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व अध्यापकों को दिया है। एंजल की माता क्षेत्र की प्रधान हैं और पिता मुलख राज अपनी एक दुकान चलते हैं। वहीं, अपने पुत्र की इस उपलब्धि से एंजल के माता-पिता फूले नहीं समा रहे हैं ।