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July 16, 2024

किसान का बेटा बिना कोचिंग बना सहायक कमांडेंट, नेवी से ली थी स्वैच्छिक रिटायमेंट

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राजगढ़ (नाहन)। कहते हैं कि मेहनत करने वालों के लिए किसी भी मंजिल को हासिल करना असंभव नहीं होता। इसी बात को रणदीप सिंह सरोल्टा ने सच कर दिखाया है। हिमाचल के सिरमौर जिला के रणदीप सिंह सरोल्टा राष्ट्रीय स्तर की संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को पास कर सहायक कमांडेंट बन गए हैं। रणदीप सिंह की इस कामयाबी से ना सिर्फ उनके परिवार में बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

इंडियन नेवी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेकर पूरा किया सपना

किसान परिवार से संबंध रखने वाले रणदीप सिंह सरोल्टा इससे पहले इंडियन नेवी में रह कर विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। लेकिन उनका असली मकसद सेना में बड़ा अधिकारी बनना था। जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने नेवी से एक साल पहले ही स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले ली और उसके बाद सहायक कमांडेंट बनने के लिए तैयारी शुरू कर दी। यह भी पढ़ें: पहले पति से लिया तलाक, 13 साल छोटे शख्स से की दूसरी शादी; उसने भेज दिया परलोक

बिना किसी कोचिंग के क्रैक की परीक्षा

बड़ी बात यह है कि देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल संघ लोक सेवा आयोग की इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए रणदीप सिंह ने किसी तरह की कोई कोचिंग भी नहीं ली। बिना कोचिंग के ही राजगढ़ के समीप डोहर गांव के रहने वाले इस युवा ने इस परीक्षा को पास कर इतिहास रच दिया है। पूरे राजगढ़ क्षेत्र में इस परीक्षा को पास करने वाले रणदीप पहले युवा बन गए हैं। यह भी पढ़ें: ये नहीं सुधरेंगे! नशे की खेप के साथ पुलिस ने पांचवीं बार पकड़े गए तस्कर

किसान हैं रणदीप के पिता

1989 में जन्में रणदीप सिंह के पिता जगदीश चंद सरोल्टा एक किसान हैं जबकि रणदीप की माता निर्मला देवी एक गृहिणी है। रणदीप की पत्नी प्रतिभा एक सरकारी बैंक में कार्यरत हैं। जबकि उनकी एक डेढ़ साल की बेटी भी है। शिक्षा की बात करें तो रणदीप सिंह ने पांचवी तक की पढ़ाई अपने गांव के स्कूल में ही की। उसके बाद उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय नाहन में 12वीं तक पढ़ाई की। यह भी पढ़ें: बड़े भाई ने जमीन पर पटक दिया छोटा भाई, अस्पताल में टूटा दम

नेवी में रह कर हासिल की 2 मास्टर डिग्री

12वीं करने के बाद रणदीप इंडियन नेवी में भर्ती हो गए। इसी दौरान उन्होंने अंग्रेगी और लोक प्रशासन विषय में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में स्नातक डिप्लोमा (बीजेएमसी) किया है। यह भी पढ़ें: हर दिन मिलेंगे 500 रुपए, महीने के 15 हजार: मोदी सरकार की ये योजना है बेहद खास

सेना में अधिकारी बनने का सपना हुआ पूरा

रणदीप सिंह सरोल्टा ने बताया कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के राष्ट्रीय स्तर की इस कठिन परीक्षा को क्रेक किया है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें सेना की वर्दी पहनने के शौक था जोकि इंडियन नेवी में पूरा हो गया था। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद उन्होंने सहायक कमांडेंट बनने के लिए डटकर मेहनत की और उनका सेना में अधिकारी बनने का सपना पूरा हुआ है।

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