हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर शहर के रणजीत सिंह ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नति पाकर न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे प्रदेश को गर्वित किया है। बीते कल नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में उन्हें पदोन्नति बैज पहनाया गया। इस मौके पर उनकी पत्नी योगिता भी उनके साथ मौजूद रहीं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
बता दें कि हमीरपुर के रणजीत सिंह की यह उपलब्धि प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरेगी, जो भारतीय सेना में अधिकारियों के रूप में शामिल होने का सपना देख रहे हैं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
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दादा ने भी दी सेना में सेवाएं
लेफ्टिनेंट जनरल रणजीत सिंह हमीरपुर के हीरानगर कॉलोनी के निवासी हैं और दिवंगत लेफ्टिनेंट कर्नल किशन चंद के पुत्र हैं। उनका परिवार सेना में लंबे समय से सेवा देता आ रहा है। उनके दादा 1932 में ब्रिटिश भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए थे, और उनके चाचा रामपाल सिंह ने भारतीय सेना में कर्नल के रूप में कार्य किया था। रामपाल सिंह ने सत्तर के दशक में जेएके रायफल्स की कमान भी संभाली थी।
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1989 में सेना में शामिल हुए रणजीत
रणजीत सिंह को दिसंबर 1989 में सेना में कमीशन मिला। वह 1986 में एनडीए के 75वें बैच के छात्र रहे हैं। उनके पहले कमीशन की तिथि 16 दिसंबर 1989 है, जब उन्होंने सेना में कदम रखा। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुँचने में मदद की है।
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बधाइयों का लगा तांता
इस उपलब्धि पर प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने रणजीत सिंह को बधाई दी है। उनके साथियों और परिवार के सदस्यों ने उनकी इस सफलता पर गर्व महसूस किया है। रणजीत सिंह की यह पदोन्नति न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश की प्रतिभा को भी मान्यता प्रदान करती है।