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December 18, 2024

हिमाचल: ड्राइवर की बेटी का कमाल- नहीं आती थी इंग्लिश, अब जर्मनी में बजाएगी डंका

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ऊना। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना स्थित बंगाणा उपमंडल की पिछड़ी ग्राम पंचायत अंबेहड़ा धीरज की होनहार बेटी अंजलि शर्मा ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि प्रदेश का नाम भी गर्व से ऊंचा किया है। अंजलि अब जर्मनी के FSU जेना विश्वविद्यालय में सामग्री रसायन विज्ञान (मैटेरियल साइंस) में शोध कार्य करने के लिए चयनित हुई हैं।

21.60 लाख रुपए का सालाना पैकेज

बताते चलें कि FSU जेना ने अंजलि शर्मा के साथ तीन साल के लिए कांट्रेक्ट किया है, जिसमें वह शोध कार्य के साथ अपनी PHD की पढ़ाई भी करेंगी। इस शोध कार्य के लिए अंजलि को 21.60 लाख रुपए का सालाना पैकेज भी दिया गया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में कोल्ड वेव की चेतावनी, माइनस में पहुंचा तापमान

गांव के स्कूल से पढ़ी है अंजलि

अंजलि शर्मा का शैक्षिक सफर अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अंबेहड़ा धीरज से की, जहां उन्हें अंग्रेजी बोलने में भी कठिनाई होती थी। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और लगन से इस मुश्किल को पार किया। यह भी पढ़ें : लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन की तैयारी में सुक्खू सरकार, आज सदन में होगी चर्चा अंजलि ने BSC कैमिस्ट्री (आनर्स) दिल्ली यूनिवर्सिटी के मैत्री कॉलेज से, फिर MSC कैमिस्ट्री दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज से की। वर्तमान में वह IIT रुड़की में PHD कैमिस्ट्री कर रही थीं। अब जर्मनी में शोध कार्य करने का अवसर मिलना उनके लिए एक बड़ा कदम है।

ड्राइवर पिता का सीना चौड़ा

बताते चलें कि अंजलि के पिता चालक हैं और माता गृहिणी हैं। उनका छोटा भाई IGMC शिमला में MBBS की पढ़ाई कर रहा है। अंजलि शर्मा ने बताया कि उन्हें सरकारी स्कूल से शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद यह बड़ा मुकाम हासिल हुआ है, जो उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि उनका सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने कभी अपने सपनों को छोड़ने का नाम नहीं लिया। यह भी पढ़ें : विधानसभा विंटर सेशन- आज होगी सुक्खू सरकार की परीक्षा, विपक्ष का पहला ही सवाल OPS पर

सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं

वहीं, अंजलि का कहना है कि मेहनत से सफलता जरूर मिलती है। कोई भी सफलता शॉर्टकट से नहीं मिलती है। वहीं, अंजलि शर्मा के जर्मनी जाने से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे प्रदेश में एक नई उम्मीद की किरण जगाई है।

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