#उपलब्धि

December 3, 2024

हिमाचल: जज्बे के आगे गरीबी हारी, भाई-बहन दोनों बने अंग्रेजी के प्रवक्ता

शेयर करें:

मंडी। कहते हैं कि अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो विकट परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है। इस बात को सच कर दिखाया है हिमाचल के मंडी जिला के दो भाई बहन ने। घर में गरीबी होने के बाद भी इन भाई बहन ने मेहनत करना नहीं छोड़ा और विकट परिस्थितियों में भी कड़ी मेहनत कर अपने सपने को साकार कर लिया है। दोनों भाई बहन अंग्रेजी विषय प्रवक्ता बनने जा रहे हैं।

भाई बहन गरीबी को हरा कर भरी सफलता की उड़ान

दरअसल मंडी जिला की तहसील थुनाग के बनयाड़ गांव के रहने वाले दो भाई बहन ने अपनी कड़ी मेहनत से ना सिर्फ अपने सपनों को साकार कर लिया है, बल्कि अपने माता पिता का सीना भी गर्व से चौड़ा कर दिया है। यह दोनों ही होनहार भाई बहन 27 वर्षीय भूपेंद्र और 29 वर्षीय बहन पुष्पा हैं। इन 2 भाई बहन ने पढ़ाई को पूरा करने के लिए ना सिर्फ कड़ी मेहनत की बल्कि दुकानों और ढाबों तक में काम किया। यह भी पढ़ें : जयराम की CM सुक्खू को नसीहत- मेरे विधानसभा क्षेत्र में आएं, लेकिन यहां झूठ न बोलें

किसानी करते हैं पिता

भूपेंद्र और पुष्पा के पिता धनदेव मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं। पिता धनदेव पेशे से किसानी करते हैं, जबकि माता मघी देवी गृहिणी हैं। घर की आर्थिक स्थिति भी इतनी मजबूत नहीं थी, बावजूद इसके दोनों भाई बहन ने पढ़ाई करना नहीं छोड़ा। अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए इन्होंने मेहनत मजूदरी भी की और आज सफलता की इवारत लिख दी। यह भी पढ़ें: हिमाचल के डिपुओं में अभी नहीं मिलेगा तेल, दाल भी 17 रुपए हुई महंगी

किसान पिता के बेटा बेटी बने अंग्रेजी के प्रवक्ता

इन दोनों की मेहनत का ही नतीजा है कि आज उनका नाम 63 पदों में अंग्रेजी विषय प्रवक्ता की फाइनल सूची में अंकित हो गया है। अपने दोनों बच्चों के इस उपलब्धि से उनके माता पिता काफी खुश हैं। दोनों भाई बहन ने अपनी सफलता का श्रेय भी अपने माता पिता और शिक्षकों को दिया है। उनका कहना है कि परिवार ने हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। यह भी पढ़ें: हिमाचल : गहरी खाई में गिरी कार, एक ही गांव के चार लोग थे सवार

पढ़ाई के साथ किया ढाबे पर काम

भूपेंद्र और पुष्पा की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जरोल और लंबाथाच कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की है। भूपेंद्र ने बताया कि घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। जिसके चलते बीएड करने के बाद उन्होंने एक ढाबे पर काम किया और अपनी पढ़ाई को जारी रखा। घर की जिम्मेदारियों को कभी पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया। यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार बिलासपुर से करेगी तीन योजनाएं लॉन्च, भाजपा को भी करेगी बेनकाब

पुस्तकालय में जाकर की पढ़ाई

भूपेंद्र ने बताया कि उसने अपनी पढ़ाई के लिए पुस्तकालयों का सहारा लिया। जिसकी बदौलत ही आज उसने अपने और अपने परिवार के सपने को साकार कर लिया है। भूपेंद्र और पुष्पा की सफलता उन नौजवानों के लिए एक सबक है, जो घर की विकट परिस्थितियों पर हार मान लेते हैं और छोटे मोटे काम के लिए अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ देते है।
ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख