सुलाह (कांगड़ा)। हिमाचल के कई युवा भारतीय सेना का हिस्सा बनकर देश सेवा करने के लिए आतुर रहते हैं। भारतीय सेना में हिमाचल के युवाओं की संख्या भी अच्छी खासी है। यह संख्या अब और बढ़ गई है। बीते रोज शनिवार को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड़ समारोह के बाद 355 युवाओं ने देश सेवा की कसमें खाईं है। इन 355 युवाओं में हिमाचल के भी कई युवक कड़े प्रशिक्षण के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।
सुरिंद्र कुमार भारतीय सेना में बने लेफ्टिनेंट
हिमाचल के कांगड़ा जिला के सुरिंद्र कुमार ने भी आईएमए देहरादून में एक साल का कड़ा प्रशिक्षण लेकर सेना की वर्दी पहन ली है। सुरिंद्र कुमार भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। सुरिंद्र कुमार कांगड़ा जिला की सुलाह विधानसभा क्षेत्र के गांव आटियालादाई के रहने वाले हैं। सुरिंद्र की इस कामयाबी से ना सिर्फ उनके परिवार में बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
8वीं बटालियन मद्रास रेजिमेंट में बने लेफ्टिनेंट
सुरिंद्र कुमार बीते रोज शनिवार को ऑफिसर्ज ट्रेनिंग अकादमी गया से पासआउट हुए। पासिंग आउट परेड़ में सुरिंद्र के माता पिता ने भी मौजूद रह कर इस खुशनुमा पल को देखा और बेटे पर गर्व महसूस किया। सुरिंद्र ने 8वीं बटालियन मद्रास रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन लिया है।
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दो बार साक्षात्कार में रह गए सुरिंद्र
बता दें कि सुरिंद्र कुमार ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई अटियालादाई स्कूल से पूरी की है। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई राणा मान चंद मेमोरियल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुलाह से की है। बताया जा रहा है कि सुरिंद्र ने इससे पहले दो बार आर्मी कैडेट कॉलेज की परीक्षा पास की थी, लेकिन वह सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के साक्षात्कार में असफल हो गए थे।
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चौथे अटेम्प्ट में मिली कामयाबी
दो बार असफल रहने के बाद सुरिंद्र ने तीसरी बार सेना की स्पेशल कमीशन ऑफिसर्स के लिए आवेदन किया। लेकिन इसमें भी उन्हें सफलता नहीं मिली। लगातार मिल रही असफलता से सुरिंद्र ने हार नहीं मानी और चौथी बार फिर से स्पेशल कमिशन ऑफिसर्स के लिए आवेदन किया और इस बार वह सर्विस सिलेक्शन बोर्ड से सिलेक्ट हो गए।
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सुरिंद्र की इस कामयाबी से उसके माता पिता काफी खुश हैं। सुरिंद्र के पिता का कहना है कि उनके बेटे की जिद्द थी कि सेना में जाना है, जिसके लिए वह लगातार प्रयास करता रहा और अंत में उसे सफलता मिल ही गई।