शिमला। हिमाचल की बेटियां आज हर क्षेत्र में बड़े बड़े पद हासिल कर रही हैं। आज के दौर में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें प्रदेश की बेटियों ना पहुंची हों। ऐसी ही एक बेटी ने अपनी मेहनत के दम पर भारतीय सेना में बड़ा पद हासिल कर लिया हैं। इस बेटी ने ना सिर्फ अपने माता पिता का सपना पूरा कर दिया, बल्कि खुद की भी एक अलग पहचान बना ली है।
भारतीय वायुसेना में लेफ्टिनेंट बनी रचना
दरअसल हिमाचल की बेटी रचना राणा भारतीय वायुसेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। रचना की पोस्टिंग कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित भारतीय वायुसेना अस्पताल में बतौर लेफ्टिनेंट हुई है। रचना हिमाचल के कांगड़ा जिला की पालमपुर तहसील की रहने वाली है। रचना ने भारतीय सेना में कदम रख कर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया है।
2007 में शहीद हुए रचना के पिता
रचना ने कमीशन प्राप्त कर इस पद को हासिल किया है। अपनी इस उपलब्धि से रचना काफी खुश है। वहीं उसे इस बात का दुख भी है कि उसकी इस खुशी के मौके पर उसके पिता उसके साथ नहीं हैं। बता दें कि रचना के पिता सुरजीत सिंह भी भारतीय सेना में थे और साल 2007 में जम्मू कश्मीर में एक ऑप्रेशन के दौरान वह शहीद हो गए थे। रचना बताती है कि उसके पिता चाहते थे कि उनकी बेटी भी भारतीय सेना में जाए।
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पिता के सपने को साकार किया
पालमपुर के छोटे से गांव डूहक धनियारा गांव की रचना के लेफ्टिनेंट बनने से उसके परिवार में खुशी का माहौल है। परिवार को लगातार बधाई संदेश आ रहे हैं, जिन्हें सुन कर मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे हैं। बता दें कि रचना ने अपनी मेहनत के दम पर ही पिता के सपने को साकार कर दिया है। रचना अभी स्कूल की पढ़ाई कर रही थी, तभी उसके पिता शहीद हो गए थे।
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रचना के दादा भी भारतीय सेना से हुए थे सेवानिवृत्त
रचना की मां रेखा गृहिणी है। मां ने कठिन परिस्थितियों में बेटी को पढ़ाया लिखाया। रचना की मां रेखा ने पति के जाने के बाद भी हार नहीं मानी और रचना और उसके भाई विकास का पालन पोषण अच्छे तरीके से किया। दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जिसके चलते ही आज रचना ने भारतीय सेना में कदम रखा है। रचना के दादा भी भारतीय सेना में ही थे।
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मां को दिया सफलता का श्रेय
रचना ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया है। रचना बताती है कि उसकी मां ने मुश्किलों का सामना करते हुए उसे और उसके भाई को अच्छी शिक्षा दी। रचना कहती है कि उनकी यह उपलब्धि देश के लिए उनके पिता द्वारा किए गए बलिदान का परिणाम है।