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September 2, 2024

हिमाचल: ससुराल वालों का समर्पण और बहू बन गई लेफ्टिनेंट

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कांगड़ा। माता पिता अपने बच्चों और खास कर बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। बेटियों को ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने के लिए माता पिता कई तरह के संघर्ष भी करते हैं। लेकिन यही सब जब एक ससुराल में ससुराल वाले अपनी बहू के लिए करें तो वह एक मिसाल बन जाती है। ऐसा ही एक मामला हिमाचल के कांगड़ा जिला के जवाली से सामने आया है।

बहुओं को प्रताड़ित करने वालों को दिखाया आइना

ससुराल में बहुओं को प्रताड़ित करने वाले लोगों के लिए यह एक आईना भी है। जवाली में ससुराल वालों ने अपनी बहू को ना सिर्फ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, बल्कि उसकी हर मुश्किल घड़ी में उसके साथ खड़े हुए। जिसका नतीजा है कि आज उनकी बहू भारतीय सेना में लेफ्टिनें के पद पर चयनित हुई है।

जवाली की डिंपल चौधरी बनी लेफ्टिनेंट

हम बात कर रहे हैं जवाली क्षेत्र के टकोली घिरता की डिंपल चौधरी की। डिंपल चौधरी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर ना सिर्फ अपने पिता के सपने को पूरा किया, बल्कि ससुराल वालों की मेहनत को भी साकार कर दिया। डिंपल चौधरी के सेना में लेफ्टिनेंट बनने से उसके परिजनों और ससुराल पक्ष में खुशी का माहौल है। यह भी पढ़ें: माता वैष्णो देवी मार्ग पर हुआ बड़ा भूस्खलन, तीन की मौ*त; कई श्रद्धालु घायल

पति और सास ससुर ने आगे बढ़ने को किया प्रेरित

डिंपल चौधरी मेडिकल हॉस्पिटल प्रयागराज उत्तर प्रदेश में बतौर लेफ्टिनेंट सेवाएं देगी। डिंपल चौधरी ने बताया कि उसके पिता का सपना था कि वह आगे बढ़े और एक उच्च अधिकारी बने। शादी के बाद पति विकास चौधरी, सास आशा देवी और ससुर जगदीश चंद ने मेरा साथ दिया और मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मेरी हर मुश्किल घड़ी में मेरे साथ खड़े रहे। यह भी पढ़ें: सुक्खू सरकार आज नहीं दे पाई सैलरी और पेंशन, दिन भर इंतजार करते रहे लोग

जेठानी ने संभाली बेटे की जिम्मेदारी

डिंपल चौधरी बताती है कि मेरा एक छोटा बेटा है। जिसके चलते मैं अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पा रही थी। लेकिन मेरी जेठानी सुखविंदर कौर ने मेरे बेट के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठाई और मुझे पढ़ने का भरपूर समय मिला। जिसका प्रतिफल है आज मैंने यह मुकाम हासिल किया है। यह भी पढ़ें: स्पीकर को हटाओ- अड़ा विपक्ष: ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रद्द, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

कहां से की है बीएससी नर्सिंग

डिंपल चौधरी ने बताया कि हम चार बहनें व एक भाई है तथा हमारे पिता स्व कश्मीर सिंह व माता रक्षा देवी का सपना था कि बेटियां ऊंचे पद हासिल करें, जिसको मैंने पूरा कर दिखाया है। डिंपल चौधरी का जन्म 12 नवंबर, 1994 को सिद्धपुरघाड़ में हुआ। उन्होंने हरियाणा कॉलेज ऑफ सिरसा से बीएससी नर्सिंग की तथा अभी एमएससी नर्सिंग कर रही हैं। यह भी पढ़ें: संजौली विवाद- कांग्रेस पार्षदों को हरीश जनारथा की नसीहत, राजनीति ना करें

ससुराल वालों को दिया सफलता का श्रेय

डिंपल चौधरी ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता शिक्षकों और खासकर ससुराल वालों को दिया है। डिंपल चौधरी ने बताया कि ससुराल वालों का साथ ना मिलता तो वह शायद आज इस मुकाम को हासिल नहीं कर सकती थी। डिंपल चौधरी के लेफ्टिनेंट बनने से उसके ससुराल व मायके पक्ष में खुशी की लहर है।

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