कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश की एक और बेटी सेना में नर्सिंग की परीक्षा पास कर मैडिकल विंग में बतौर लैफ्टिनेंट पद पर चयनित हुई है। जिला कांगड़ा के उपमंडल बैजनाथ की दूरदराज घाटी छोटा भंगाल के कोठी कोहड़ की बेटी एकता ठाकुर भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देगी।
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परिवार की विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद बेटी ने हार ना मानते हुए ये सिद्ध कर दिया है कि जब हौंसला कर दिया है ऊंची उड़ान का, फिर फिजूल है देखना कद आसमान का।
गांव के स्कूल में पढ़ी एकता
छोटा भंगाल घाटी में आज भी सुख-सुविधाओं की अपार कमी है। शिक्षा की उचित सुविधा ना मिलने के कारण एकता ठाकुर को अपने गांव छोड़कर बीड़-बिलिंग आना पड़ा। एकता के पिता संजय कुमार वेल्डिंग का काम करते हैं। ऐसे में एकता को बड़े स्कूल में पढ़ाना उनके लिए किसी चुनौती से कम ना था।
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एकता ने क्रिसेंट पब्लिक स्कूल बीड़ से 10वीं की पढ़ाई पूरी की। जमा दो की पढ़ाई पूरी करने के बाद एकता ने चामुंडा इंस्टीच्यूट ऑफ नर्सिंग से स्नातक किया।
5वीं कक्षा में लिया था प्रण
एकता बताती है कि बीड़-बिलिंग में स्कूली पढ़ाई के दौरान सेना के जवानों को देख उनके मन में ख्याल आया कि आर्मी में कैसे जाया जाता है। और ये जवान देश की रक्षा कैसे करते हैं। एकता ने आगे कहा कि उस समय वह 5वीं कक्षा में पढ़ती थी और आर्मी के बारे में जानकारी लेना चाहती थी। उसने मौसा सदा ठाकुर ने एकता को फौज के बारे में जानकारी दी थी।
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बस फिर क्या था, एकता ने उसी समय ठान लिया कि वह भी देश की रक्षा करेंगी और वर्दी पहनेगी। स्कूली पढ़ाई के दौरान वह अक्सर आर्मी से संबंधित पुस्तकें पढ़ा करती थी। अब वही सपना एकता हकीकत में जीने वाली है।
आर्मी अस्पताल पुणे में देगी सेवाएं
एकता का चयन अब भारतीय सेना के मैडिकल विंग में बतौर लैफ्टिनेंट हुआ है। 16 सितम्बर से महाराष्ट्र के आर्मी अस्पताल पुणे में इस पद पर सेवाएं देंगी। माता-पिता के प्रयास सफल होने से वे गदगद है। वे चाहते थे कि बेटी कुछ कर जाए। एकता की माता मंजू देवी गृहिणी हैं और बेटी की सफलता पर उन्हें नाज है।