घुमारवीं (बिलासपुर)। हिमाचल के प्रोफेसर पूरी दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। बिलासपुर जिला के घुमारवीं के डॉ अरुण धीमान का नाम स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। डॉ अरुण धीमान की इस उपलब्धि से जिला सहित पूरे देश का नाम रोशन हुआ है।
डॉ अरुण धीमान ने पूरे विश्व में बनाई अलग पहचान
घुमारवीं की ग्राम पंचायत करलोटी के गांव गालियां के रहने वाले डॉ अरुण धीमान ने विश्व भर में अपनी अलग पहचान बना ली है। बड़ी बात यह है कि डॉ अरुण सबसे कम उम्र में इस मुकाम को हासिल करने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।वर्तमान में डॉ धीमान दक्षिण बिहार के केंद्रीय विश्वविद्यालय गया में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और शिक्षण व अनुसंधान में लगे हुए हैं।
सरकारी स्कूल से पूरी की है प्रारंभिक शिक्षा
डॉ अरुण धीमान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गालियां और घुमारवीं के सरकारी स्कूलों से पूरी की है। उसके बाद उन्हांेने पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से बी फार्मेसी की और फिर शूलिनी विश्वविद्यालय से मास्टर इन फार्मेसी की उपाधी हासिल की। डॉ धीमान ने डॉक्टरेट की उपाधी भी हासिल की है।
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बिहार में सहायक प्रोफेसर हैं डॉ अरुण
डॉ अरुण धीमान ने 2016 में जेपी विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद 2022 में कृषि अनुसंधान संगठन, इसराइल में पोस्ट डॉक्टरेट फैलोशिप हासिल की। इस समय डॉ अरुण धीमान दक्षिण बिहार के केंद्रीय विश्वविद्यालय गया में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
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दो पीएचडी विद्वानों का कर रहे मार्गदर्शन
डॉ अरुण धीमान सहायक प्रोफेसर के साथ साथ शिक्षण और अनुसंधान में भी लगे हुए हैं। उनका शोध क्षेत्र नैनोपार्टिकल डिलीवरी के माध्यम से टिशू इंजीनियरिंग और कोलन कैंसर पर केंद्रित है। इतना ही नहीं डॉ अरुण धीमान दो पीएचडी विद्वानों का मार्गदर्शन भी कर रहे हैं।
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किसे दिया अपनी सफलता का श्रेय
डॉ धीमान ने इस मुकाम को पाने वाले कम उम्र के युवाओं की सूची में भी अपना नाम दर्ज करवाया है। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरुजनों और माता-पिता बालक राम धीमान और उमा देवी को दिया है।