शिमला। केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहादुरों को वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रीय पदकों की घोषणा की। इसके लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन के 7 अधिकारियों व जवानों को चुना गया है। हिमाचल पुलिस में कार्यरत ASI रंजना शर्मा को भी विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक के लिए चुना गया है।
कौन हैं ASI रंजना शर्मा ?
आखिर ऐसा क्या बहादुरी वाला काम किया है ASI रंजना शर्मा ने- जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति पदक से नवाजा जा रहा है। मगर आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि ASI रंजना शर्मा यह अवार्ड लेने नहीं जाएंगी। आज हम आपको बताएंगे कि कौन हैं ASI रंजना शर्मा, इन्हें क्यों दिया जा रहा विशिष्ट सेवा मेडल और यह क्यों नहीं जाएंगी अवार्ड लेने।
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क्यों मिल रहा राष्ट्रीय पदक?
आपको बता दें कि ASI रंजना शर्मा ने ना केवल हिमाचल का नाम बढ़ाया है बल्कि हिमाचल पुलिस को भी गौरवान्वित किया है। ASI रंजना शर्मा मूल रूप से शिमला के रामपुर भद्राश की रहने वाली हैं। ASI रंजना शर्मा शिमला में CID में तैनात हैं। इंस्पेक्टर रेंक में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक हासिल करने वाली रंजना शर्मा प्रदेश की पहली महिला अधिकारी हैं।
कब हुई थी पुलिस में भर्ती?
ASI रंजना शर्मा साल 1996 में 18 साल की उम्र में हिमाचल पुलिस में बतौर कॉन्सटेबसल भर्ती हुई थी। ASI रंजना शर्मा बीते 27 साल से पुलिस सेवा में हैं। ASI रंजना शर्मा अब तक 800 से ज्यादा मामलों में जांच अधिकारी रह चुकी हैं।
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क्या है ASI रंजना शर्मा की उपलब्धियां?
- 800 केसों में जांच अधिकारी
- ASI रंजना शर्मा ने 50 चाइल्ड लेबर को रेस्क्यू किया है।
- पति-पत्नी से जुड़े 1500 से ज्यादा विवाद के मामले निपटाए हैं।
- NDPS और एक्साइज एक्ट के कई मामलों को अंजाम तक पहुंचाया है और अपराधियों को सजा दिलवाई है।
क्यों नहीं जाएंगी अवार्ड लेने?
दरअसल, ASI रंजना शर्मा मौजूदा समय में मेडिकल लीव पर हैं। उनके पैर में चोट के चलते उन्हें प्लास्टर हुआ है। ऐसे में वो घर पर आराम कर रही हैं। यही कारण है कि ASI रंजना शर्मा अवार्ड लेने भी नहीं जा रही हैं।
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किन अफसरों को मिलेगा सम्मान?
- हिमाचल पुलिस की सहायिका उपनिरीक्षक रंजना शर्मा
- हिमाचल पुलिस के सहायक महानिरीक्षक संदीप धवल
- हिमाचल पुलिस के उपनिरीक्षक हेम प्रकाश
- हिमाचल पुलिस के इंस्पेक्टर नाग देव
- होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा के लिए वरिष्ठ प्लाटून कमांडर जय कुमार
- अग्निशमन सेवा के लिए स्टेशन फायर ऑफिसर मनसा राम
- स्टेशन फायर ऑफिसर राजिंद्र कुमार
- सब फायर ऑफिसर अशोक कुमार
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कितनी बार मिलता है यह पदक?
यह पदक साल में दो बार दिए जाते हैं- गणतंत्र दिवस और स्वतंत्र दिवसर पर। हर बार अलग-अलग कर्मियों को इस मेडल के लिए चुना जाता है। कुछ पुरस्कार सिर्फ सैनिकों को दिए जाते हैं, जबकि कुछ पुरस्कार पुलिस, जेलकर्मी और आम नागरिकों को मिलते हैं।
कितने लोगों को मिलेगा वीरता पुरस्कार?
इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुल 1037 पुलिस, अग्निशमन, होमगार्ड और नगारिक सुरक्षा एवं सुधार के लिए कर्मियों को वीरता और सेवा पदक दिए जाएंगे। जिसमें पुलिस सेवा को 208, अग्निशमन सेवा को 4, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा को 1 मेडल दिया जाएगा।