इंदौरा (कांगड़ा)। मेहनत के दम पर हर मंजिल को हासिल किया जा सकता है, इस बात का सच कर दिखाया है हिमाचल के कांगड़ा जिला के अर्श शर्मा ने। अर्श शर्मा ने अपनी मेहनत के दम पर ना सिर्फ भारतीय सेना में बड़ा पद हासिल किया है, बल्कि अपने बचपन के सपने को भी पूरा कर लिया है। अपनी ट्रनिंग पूरी करने के बाद अर्श शर्मा आज अपने पैतृक गांव पहुंचे।
इंदौरा का अर्श भारतीय नौसेना में बना सब लेफ्निेंट
दरअसल अर्श शर्मा कांगड़ा जिला की ग्राम पंचायत इंदौरा के रहने वाले हैं। अर्श शर्मा की भारतीय नौसेना में सब.लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति हुई है। बेटे की इस कामयाबी से उसके पूरे परिवार के साथ साथ गांव में भी खुशी का माहौल है। गांव के लोगांे का कहना है कि अर्श शर्मा गांव के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेगा। उसे देख कर अन्य युवाओं को भी आगे बढ़ने का और भारतीय सेना में अधिकारी बनने की इच्छा जागृत होगी।
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एक साल तक आईटी सेक्टर में की थी नौकरी
भारतीय नौसेना में सब-लेफ्टिनेंट बने अर्श शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा की बात करें तो उनकी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय नंगलभूर में हुई है। जिसके बाद बीएससी कम्प्यूटर साइंस चंडीगढ़ से व एमसीए पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से करने के बाद अर्श शर्मा ने आईटी सेक्टर में नौकरी कर ली थी। उन्होंने करीब एक साल तक आईटी सेक्टर में नौकरी की और अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा।
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माता पिता ने आगे बढ़ने को किया प्रेरित
अर्श के पिता सुरेंद्र मोहन शर्मा पंजाब में पीडब्ल्यूडी विभाग में ठेकेदार हैं। जबकि उनकी माता सुनीता शर्मा सेवानिवृत्त अध्यापिका है। अर्श के भाई कर्ण शर्मा चंडीगढ़ में एक बड़ी कंपनी में कार्यरत हैं। अर्श ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता-पिता और शिक्षकों को दिया है।
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अर्श का कहना है कि उसके माता पिता ने हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वहीं उसके शिक्षकों ने उसका हर मुश्किल में हौंसला बढ़ाया, जिसके चलते ही आज वह इस मुकाम तक पहुंच सका है।
29 अक्तूबर को हुए पासआउट, आज पहुंचे घर
बता दें कि अर्श 29 अक्तूबर को भारतीय नौसेना के जामनगर के बलसूरा ट्रेनिंग एकेडमी से पासआउट हुआ था। अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह आज अपने पैतृक गांव पहुंचा, जहां उसके परिजनों सहित ग्रामीणों ने उसका जोरदार स्वागत किया। वहीं उसके उज्वल भविष्य की कामना की। अर्श के माता पिता ने बताया कि अर्श बचपन से ही भारतीय सेना में जाने के सपने देखता था, जिसे उसने आज अपनी कड़ी मेहनत के दम पर पूरा कर लिया है।