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June 1, 2024

हिमाचल की बेटी मेजर राधिका को UN में मिला सैन्य पुरस्कार

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मंडी। हिमाचल प्रदेश में होनहार युवाओं की कमी नहीं हैं। प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के साथ कंधे सं कंधा मिला कर चल रही हैं। प्रदेश के युवा ना सिर्फ राज्य बल्कि दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की बेटी राधिका सेन ने कर दिखाया है।

प्रदेश की बेटी को UN में मिला सैन्य पुरस्कार

मंडी जिले के दरनगर शहर की बेटी मेजर राधिका सेन को संयुक्त राष्ट्र में सैन्य पुरस्कार मिला है। इस पुरस्कार को पाने के बाद राधिका देश की दूसरी भारतीय महिला अधिकारी बन गई हैं। इससे पहले यह सम्मान भारत की मेजर सुमन गवानी को मिल चुका है।

विश्वभर में देश का नाम किया रोशन

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के मौके पर मेजर राधिका को कांगो में यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया। मेजर राधिका को यह पुरस्कार UN के महासचिव गुटेरेस ने दिया। अवार्ड से सम्मानित होने पर राधिका ने देश, सेना और हिमाचल का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है।

सुंदरनगर से हुई है पढ़ाई

राधिका सेन का जन्म 1993 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सुंदरनगर के सेंट मैरी स्कूल और दस जमा एक और दो माउंट कार्मल स्कूल चंडीगढ़ से पूरी हुई है। राधिका आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई थी। यह भी पढ़ें: धूमल परिवार ने एक साथ डाला वोट: मतदान के बाद अनुराग ने किया बड़ा दावा उन्होंने साल 2016 में कमीशन का पेपर पास किया था। इसके बाद चेन्नई ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से पास ऑउट होने के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग श्रीनगर में मिली। इसके बाद उन्होंने लेह, वेस्ट बंगाल और सिक्किम में अपनी सेवाएं दीं।

टीम को करती थी लीड

मेजर राधिका भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थी। राधिका इंडियन रेपिडली डिप्लॉयमेंट बटालियन की टीम कमांडर थी। उन्होंने 20 महिला और 10 पुरुष सैनिकों की टीम को लीड किया था। यहां उनका काम मुख्य रूप से लोगों से बातचीत करना, विस्थापितों की समस्याओं को सुलझाना और कॉन्फ्लिक्ट जोन में महिलाओं और बच्चों की आवाज को बुलंद करना था। यह भी पढ़ें : हिमाचल का बेटा आदित्य डोगरा भारतीय नौसेना में बने लेफ्टिनेंट मेजर राधिका की अगुवाई में टीम ने महिलाओं के स्वास्थ्य, बच्चों की देखभाल, शिक्षा, लैंगिक समानता, रोजगार जैसे विषयों पर शैक्षणिक सत्र आयोजित किए थे।

पूरे क्षेत्र की लिए गौरव की बात

राधिका सेन के पिता ओंकार सेन राजकीय बहुतकनीकी संस्थान हमीरपुर और माता निर्मला सेन चौहारवैली के कथोग स्कूल से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। राधिका के माता-पिता ने बेटी की उपलब्धि को देश की सेना, देशवासियों समेत सुंदरनगर के लोगों को समर्पित किया है। उनका कहना है कि राधिका को सैन्य सम्मान मिलना परिवार समेत पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।

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पूरे परिवार में हैं आठ बेटियां

राधिका सेन की बहन कंचन सेन ने बताया कि उनके पूरे परिवार में आठ बेटियां हैं। सभी बेटियां अच्छे-अच्छे पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि हम सभी बहनें एक-दूसरे के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

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