#हादसा

August 26, 2024

NEET की कोचिंग ले रहा था छात्र- तीसरी मंजिल से गिरा, और..

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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला से एक दुखद खबर सामने आई है। यहां PG में रह रहे एक युवक की तीसरी मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई है। युवक हमीरपुर में नीट की कोचिंग ले रहा था।

तीसरी मंजिल से गिरा छात्र

जानकारी के अनुसार, मामला बीती देर रात का है। मृतक छात्र बिलासपुर के हटवाड़ क्षेत्र का निवासी था। बताया जा रहा है कि मौके पर पहुंची पुलिस टीम द्वारा मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। मृतक के परिजन सदर थाना हमीरपुर में पहुंच गए हैं।

कैसे हुई छात्र की मौत?

यह भी पढ़ें: बिना वजह ही भीड़ ने 3 युवकों पर बरसाए लात-घूसे, अस्पताल पहुंचने से पहले ही… फिलहाल, मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्र की मौत गिरने के कारण हुई है या उसने कूदकर जान दी है।

आत्महत्या है या हादसा

शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि छात्र पढ़ाई के चलते डिप्रेशन में था। हाालंकि, यह पता नहीं चल पाया है कि यह आत्महत्या है या हादसा।

SP हमीरपुर ने की मामले की पुष्टि

मामले की पुष्टि करते हुए SP हमीरपुर भगत सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। पीजी में रह रहे अन्य युवकों से पूछताछ की जा रही है। यह भी पढ़ें: हिमाचल में फिर होगी मूसलाधार बारिश, दो दिन का येलो अलर्ट जारी साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद युवक की मौत के असली कारणों का पता चल पाएगा।

किन कारणों से छात्र जाते हैं डिप्रेशन में

छात्रों का डिप्रेशन एक गंभीर मुद्दा है जो विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकता है। सबसे प्रमुख कारणों में अत्यधिक शैक्षिक दबाव, परीक्षा की चिंता, भविष्य की अनिश्चितता, सामाजिक दबाव और पारिवारिक समस्याएं शामिल हैं।

यह भी समस्या

आजकल की प्रतिस्पर्धी दुनिया में, उच्च अंक और प्रदर्शन की उम्मीदें छात्रों को मानसिक तनाव का सामना करने पर मजबूर कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय बिताना भी आत्म-संयम की कमी और आत्म-संभावना में कमी का कारण बन जाता है।

कैसे बचें डिप्रेशन से

डिप्रेशन से बचने के लिए कुछ प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, छात्रों को एक संतुलित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ आराम और मनोरंजन का समय भी शामिल हो। यह भी पढ़ें: इन ‘विधायकों’ की पेंशन पर संकट- सुक्खू सरकार लाने जा रही नया बिल नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, तनाव प्रबंधन तकनीकों जैसे कि ध्यान, योग, और गहरी सांस लेने की विधियां अपनाई जा सकती हैं।

इनकी लें मदद

मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से परामर्श भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। वे पेशेवर मदद प्रदान कर सकते हैं और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही, परिवार और मित्रों का समर्थन भी बेहद महत्वपूर्ण है। खुलकर बात करने और भावनाओं को साझा करने से छात्रों को अच्छा महसूस हो सकता है और वे मानसिक तनाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं।

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